भुवनेश्वर। श्रीमद्भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को की प्रतिष्ठित मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में आधिकारिक रूप से शामिल किये जाना भारत के लिए गौरव का क्षण है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह बात कही।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस उपलब्धि को “गौरव का क्षण” बताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि गीता और नाट्यशास्त्र ने वैश्विक चिंतन को प्रेरित, प्रभावित और समृद्ध किया है। यह सम्मान हमारी अनुपम बौद्धिक और कलात्मक विरासत की एक और महत्वपूर्ण स्वीकृति है। भारत ज्ञान, संस्कृति और बुद्धिमत्ता का प्रकाशपुंज बनकर और अधिक उज्ज्वल हो रहा है।
