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मशरूम उत्पादन, फल पैकेजिंग और ग्रीनहाउस खेती पर विशेष प्रशिक्षण
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार की एक अनोखी पहल के तहत राज्य के 14 किसानों का दल मलेशिया जाएगा, जहां वे आधुनिक और जलवायु अनुकूल कृषि तकनीकों का अध्ययन करेंगे। इस अध्ययन यात्रा में 14 कृषि अधिकारियों का दल भी किसानों के साथ रहेगा, जिससे वे भी मलेशिया की समकालीन कृषि पद्धतियों और तकनीकों से परिचित हो सकें।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) तथा विश्व बैंक के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
आठ दिवसीय इस अध्ययन यात्रा के दौरान किसान मलेशिया के कृषि अनुसंधान केंद्रों का दौरा करेंगे और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल खेती की विधियों, मशरूम उत्पादन, फल-सब्जियों की ग्रेडिंग व पैकेजिंग, ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस खेती की तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इसका उद्देश्य किसानों को ऐसी उन्नत तकनीकों से परिचित कराना है जिन्हें ओडिशा में लागू कर कृषि उत्पादन और आय को बढ़ाया जा सके।
वापसी पर साझा करेंगे अनुभव
यात्रा से लौटने के बाद ये किसान अपने अनुभव और सीखी गई तकनीकों को अपने क्षेत्रों में अन्य किसानों के साथ साझा करेंगे। इससे राज्य के किसानों को लाभ मिलेगा और खेती में नवाचार का प्रसार होगा।
सरकार की सोच – किसानों की आय में वृद्धि
राज्य के उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव ने बताया कि कम से कम 14 किसानों को मलेशिया भेजा जा रहा है, जहां वे नई फसल प्रणाली और आधुनिक कृषि तथा बागवानी प्रक्रियाओं को सीखेंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि मलेशिया में इस्तेमाल हो रही तकनीकों को ओडिशा में भी लागू किया जाए।
स्थानीय किसान अजीत कुमार बिस्वाल ने कहा कि हम मशरूम खेती, फलों की ग्रेडिंग व पैकेजिंग, ग्रीनहाउस में जलवायु प्रबंधन और अन्य कृषि मुद्दों पर मलेशिया में नई तकनीकें सीखने के लिए उत्साहित हैं। इससे हमें लाभ होगा और राज्य के किसानों की स्थिति बेहतर हो सकेगी।
स्थानीय कृषि को मिलेगा नया आयाम
यह कार्यक्रम ओडिशा की कृषि व्यवस्था में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की यह रणनीति वैश्विक अनुभवों के समावेश से स्थानीय कृषि को सशक्त बनाने और ग्रामीण विकास को गति देने की है। इस पहल से किसानों को न केवल तकनीकी लाभ मिलेगा, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि की संभावना है।