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आयोजन में परंपरा, नवाचार और दृष्टि का होगा भव्य संगम
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भारत की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक आकांक्षाओं का उत्सव
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पुरी में जुटेंगे देशभर के विद्वान व दिग्गज
भुवनेश्वर। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और समकालीन सोच को एक साझा मंच पर लाने के उद्देश्य से पुरी लिटरेरी फेस्टिवल के पहले संस्करण का आयोजन 18 से 20 अप्रैल 2025 तक पुरी रिसॉर्ट एंड स्पा, ओडिशा में किया जा रहा है। इस उत्सव का आयोजन अध्ययन फाउंडेशन फॉर पॉलिसी एंड रिसर्च द्वारा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, ओडिशा सरकार और नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से किया जा रहा है। इसकी जानकारी आयोजक ओम प्रियदर्शी छोटराय ने यहां दी।
उन्होंने बताया कि यह फेस्टिवल प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपराओं को वर्तमान की आकांक्षाओं से जोड़ते हुए संवाद, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और विविध विचारों का संगम प्रस्तुत करेगा।
उन्होंने बताया कि ओडिशा के राज्यपाल डा हरिबाबू कंभमपति, संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज और पुरी से सांसद डॉ. संबित पात्र इसका उद्घाटन करेंगे। इसी तरह समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की उपस्थिति रहेगी।
विशिष्ट वक्ताओं में विक्रम संपत (इतिहासकार),पद्मश्री मालिनी अवस्थी (लोक गायिका) – शहज़ाद पूनावाला (राजनीतिक विश्लेषक),डॉ. श्रीराम चौलिया, प्राजक्ता कोली (डिजिटल क्रिएटर भी उपस्थित रहेंगे।
ओड़िया साहित्यिक जगत से प्रमुख हस्तियां भी इसमें शामिल होंगी। इसमें जितेंद्र नाथ मिश्रा, तनया पटनायक, रूपा मिश्रा. इतिरानी सामंत, गौरहरी दास, दास बेन्हुर, देवप्रसाद दास, असित मोहंती, सोफिया फिरदौस इस कार्यक्रम में शामिल होंगी।
इस कार्यक्रम में रामकांत रथ साहित्य पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। ओड़िया साहित्य में विशिष्ट योगदान के लिए यह नई पहल होगी।
इस कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता रहेगी तथा दक्षिण अफ्रीका के भारत में राजदूत अनिल सूकलाल वैश्विक बहुपक्षवाद पर विचार साझा करेंगे।
फिस्टिवल में सामाजिक उद्यमिता, महिला सशक्तिकरण, सतत विकास, उपनिवेशमुक्ति, बॉलीवुड प्रभाव और ओडिशा की सांस्कृतिक यात्रा आदि विषयों पर चर्चा होगी।
फिस्टिवल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। हेरिटेज वॉक, रेत कला, ओडिशी नृत्य और ओडिशा के पारंपरिक व्यंजनों की विशेष प्रस्तुतियां होंगी।