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भुवनेश्वर में दिव्यांग महिला का अपहृत बच्चा बरामद

  •  अपहर्ता गिरफ्तार, अंग तस्करी की आशंका

भुवनेश्वर। भुवनेश्वर के राम मंदिर क्षेत्र से रविवार तड़के अगवा किए गए 18 माह के मासूम बच्चे को बालेश्वर से सकुशल बरामद कर लिया गया है। इस मामले में पुलिस ने एक महिला, जेलम रानी पंडा को हिरासत में लिया है, जिस पर कथित रूप से बच्चे को खरीदने का आरोप है।
पुलिस के अनुसार, अपहृत बच्चा 25 वर्षीय जयंती मल्लिक का बेटा है, जो नेत्रहीन हैं और नीलाद्रि विहार स्थित कन्या आश्रम में रहती हैं। जयंती अक्सर अपने बेटे और पांच साल की बेटी के साथ राम मंदिर के पास भीख मांगने जाती हैं। शनिवार रात भारी बारिश के चलते उन्होंने मंदिर परिसर में ही शरण ली थी।
रात करीब 1:30 बजे एक अज्ञात व्यक्ति ने पहले बच्चे को जूस पिलाने की पेशकश की और फिर अचानक उसे जयंती की गोद से छीनकर फरार हो गया। घटना के तुरंत बाद जयंती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया।
सीसीटीवी फुटेज से मिली सफलता
पुलिस की कई टीमों ने मानवीय खुफिया जानकारी और तकनीकी निगरानी के जरिए आरोपी की तलाश शुरू की। सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध को बच्चे के साथ भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन की ओर जाते देखा गया। इस सुराग के आधार पर पुलिस ने कोलकाता, खड़गपुर, हावड़ा समेत कई बड़े रेलवे स्टेशनों पर टीमें भेजीं। गहन जांच और समन्वित प्रयासों के बाद पुलिस ने बालेश्वर से बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है।
हिरासत में ली गई महिला
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हिरासत में ली गई महिला जेलम रानी पंडा से पूछताछ जारी है और जांच के जरिए यह पता लगाया जा रहा है कि इस अपहरण के पीछे कोई बड़ा मानव तस्करी गिरोह तो नहीं है।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस घटना में शामिल सभी आरोपियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। मामले की जांच जारी है ।
अंग तस्करी की आशंका
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, अपहर्ता ने बच्चे को दूसरी महिला को सौंपा था, जिसका बेटा कथित रूप से किडनी रोग से ग्रसित है। पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि अपहर्ता को हिरासत में लिया गया है, लेकिन अभी तक अंग तस्करी की पुष्टि नहीं की गई है। इसके बावजूद, इस मामले में अंग तस्करी के नेटवर्क की आशंका जताई जा रही है।
मां ने जतायी खुशी
बच्चे की मां जयंती मल्लिक ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरा बेटा वापस मिलेगा, लेकिन भगवान राम की कृपा से वह वापस आया। हालांकि पुलिस ने अभी तक हमें यह नहीं बताया कि हमारे बेटे को कब सौंपा जाएगा, लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस अभी भी मामले की गहराई से जांच कर रही है और अपहर्ता से पूछताछ कर रही है ताकि इस पूरी घटना के पीछे के असली कारण और संभावित अंग तस्करी के नेटवर्क का पता चल सके। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में दहशत पैदा कर दी है और सुरक्षा के ठोस उपायों की मांग तेज हो गई है।

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