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यूनिसेफ की सामाजिक नीति और सामाजिक सुरक्षा कार्य योजना (2025-2027) पर अहम बैठक आयोजित
भुवनेश्वर। यूनिसेफ की सामाजिक नीति एवं सामाजिक सुरक्षा (एसपीएसपी) कार्य योजना 2025-2027 पर एक महत्वपूर्ण बैठक आज मंगलवार को भुवनेश्वर स्थित लोकसेवा भवन के सभागार में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता ओडिशा सरकार की विकास आयुक्त-सह-अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग ने की।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव शुभा शर्मा, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव शास्वत मिश्र, एसएसईपीडी विभाग के आयुक्त-सह-सचिव आरएस गोपालन, योजना एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव टी आओ, विभाग के अतिरिक्त सचिव मनीष अग्रवाल, राज्य विकलांगता आयुक्त ब्रातती हरिचंदन, जनगणना निदेशक यूएन दास सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
यूनिसेफ की ओर से सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन विशेषज्ञ डॉ सुगाता रॉय, सामाजिक नीति विशेषज्ञ डॉ बाल परितोष दाश और परामर्शदाता अजय कुमार सिंह ने एसपीएसपी कार्य योजना पर प्रस्तुति दी।
बैठक की शुरुआत में योजना एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव ने बताया कि एसपीएसपी कार्य योजना यूनिसेफ का एक बहुवर्षीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य है—2027 तक बच्चे, किशोर और महिलाएं, विशेष रूप से सबसे कमजोर वर्ग, लिंग-संवेदनशील, जलवायु-उपयुक्त और झटकों के प्रति प्रतिक्रियाशील सामाजिक और आर्थिक नीतियों व सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों तक पहुंच प्राप्त करें और लाभ उठाएं। यह कार्यक्रम 2023 से चल रहा है जिसमें 2027 तक के लिए कई लक्ष्य और उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं।
अजय कुमार सिंह ने यूनिसेफ के प्रमुख कार्यक्षेत्र जैसे—बाल विकास, सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन, बच्चों के लिए सार्वजनिक वित्त, सामाजिक सुरक्षा और स्थानीय शासन को सशक्त करने के बारे में जानकारी दी और 2023-24 में संपन्न प्रमुख गतिविधियों को रेखांकित किया।
बच्चों की गरीबी और वंचना पर होगा विश्लेषण
यूनिसेफ राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थानों जैसे एनआईटी राउरकेला के साथ मिलकर बच्चों की गरीबी और वंचना पर विश्लेषण करेगा। साथ ही वित्त विभाग के सहयोग से वार्षिक रूप से बाल, पोषण, एसडीजी और जेंडर बजट स्टेटमेंट का प्रकाशन सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि नीति निर्धारण में उनका बेहतर उपयोग हो सके।
“डिसएबिलिटी फाइनेंसिंग” पर दृष्टिकोण पत्र होगा तैयार
वित्त और एसएसईपीडी विभाग के साथ मिलकर विकलांगों को नकद सहायता की सार्वभौमिक कवरेज के उद्देश्य से “डिसएबिलिटी फाइनेंसिंग” पर एक दृष्टिकोण पत्र तैयार किया जाएगा। साथ ही जलवायु परिवर्तन और विकलांगता जैसे विषयों पर आधारित एसडीजी आउटपुट बजटिंग के लिए नीति-पत्र तैयार कर विमर्श किया जाएगा।
स्थानीय स्तर पर विकलांगों की स्थिति पर होगा अध्ययन
योजना एवं अभिसरण विभाग के सहयोग से यूनिसेफ समुदाय आधारित मूल्यांकन करेगा, जिसमें विकलांग व्यक्तियों और विकलांग बच्चों की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच, बाधाएं और सहायक तत्वों की पहचान की जाएगी।
स्थानीय विकेन्द्रीकरण को मिलेगा बल
यूनिसेफ ओडिशा ने पिछले देशस्तरीय कार्यक्रम चक्र में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय विकेन्द्रीकरण पर कार्य किया है, जिसे आगामी चरण में और मजबूत किया जाएगा। एसआईआरडी एंड पीआर के सहयोग से ग्राम पंचायतों को एसडीजी लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु अनटाइड फंड्स के माध्यम से योजना बनाने और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी दी जाएगी।
912 बाल-मित्र ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार
2024-25 के लिए यूनिसेफ ने 912 बाल-मित्र ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार की है, जिसे अब राज्य की सभी 6,794 ग्राम पंचायतों तक विस्तारित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, 1,945 नव नियुक्त पंचायत विस्तार अधिकारियों को बाल-मित्र और महिला-मित्र ग्राम पंचायत निर्माण एवं महिला प्रतिनिधियों से संबंधित मुद्दों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राज्य सरकार का समर्थन जारी रहेगा
कार्य योजना की समीक्षा के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग ने विभिन्न विभागों से प्राप्त उपयोगी प्रस्तावों को शामिल करने की अनुशंसा की। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार यूनिसेफ के विभिन्न क्षेत्रों में प्रस्तावित कार्यक्रमों को पूर्ण सहयोग और समर्थन प्रदान करती रहेगी। यह बैठक सामाजिक सुरक्षा और बाल कल्याण के क्षेत्र में ओडिशा को राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण बनने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।