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ओडिशा के आरक्षित जंगलों में अवैध कोयला खनन होगी कार्रवाई

  • केंद्रीय मंत्री ने जांच के बाद कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया

भुवनेश्वर। ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के तेलेडीही रिजर्व फॉरेस्ट में कथित अवैध कोयला खनन के मामले को लेकर अब केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री और सुंदरगढ़ से भाजपा सांसद जुएल ओराम ने आश्वस्त किया है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे उनका पद या प्रभाव कुछ भी हो।

ओराम ने कहा कि यह मामला पहले ही मीडिया में आ चुका है और अब सरकार इसकी विस्तृत रिपोर्ट मंगवाएगी। अवैध खनन के तथ्यों और आंकड़ों की जांच की जाएगी, और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

जारी है जांच, अधिकारी फिर करेंगे स्थल का दौरा 

मिली जानकारी के अनुसार, ओडिशा सरकार के खनन विभाग के उपनिदेशक और सुंदरगढ़ उपजिलाधिकारी जल्द ही दोबारा स्थल का निरीक्षण करने वाले हैं। इस बीच, खनन विभाग ने हेमगिरि थाना क्षेत्र के अंतर्गत तेलेडीहा रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध कोयला खनन को लेकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।

हाई-प्रोफाइल लोगों की संलिप्तता के आरोप 

खबरों के अनुसार, इस अवैध खनन मामले में गोपालपुर क्षेत्र के एक प्रसिद्ध व्यवसायी का नाम सामने आ रहा है, जिसकी कथित रूप से एक पूर्व राजनेता के बेटे से नजदीकी बताई जा रही है। इन आरोपों की भी गहराई से जांच की जा रही है। हालांकि नाम अभी तक खुलकर सामने नहीं आया है।

तीन दिन में पूरी होगी जांच 

इधर, सुंदरगढ़ जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। सभी पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर पेश करने को कहा गया है।

कोयला डिपो की हो रही समीक्षा

बताया गया है कि भविष्य में ऐसी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों को क्षेत्र के सभी कोयला डिपो की सघन समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत कोयले के भंडारण से जुड़े रिकॉर्ड की सत्यता की जांच की जाएगी।

यह मामला न केवल पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण से जुड़ा है, बल्कि शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही की भी कड़ी परीक्षा है। अब देखना होगा कि जांच के बाद सरकार कितनी सख्ती से कार्रवाई करती है।

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