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नवीन निवास की बैठक के बाद कुछ शीर्ष नेताओं ने की अहम बैठक
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लगातार बढ़ रहा है आरोप-प्रत्यारोप
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क्या टूट की ओर बढ़ रही है पार्टी? उठ रहे हैं सवाल
भुवनेश्वर। ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) इन दिनों वक्फ विधेयक को लेकर हुए मतदान के बाद भीतरघात और मतभेदों के कारण राजनीतिक हलकों में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। पार्टी के हालिया रुख में अचानक आए बदलाव को लेकर पार्टी के अंदर और बाहर दोनों ही जगह से आलोचना हो रही है।
बुधवार को भुवनेश्वर के पटिया स्थित एक होटल में बीजद के कुछ वरिष्ठ नेताओं और युवा शाखा के प्रतिनिधियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में शशि भूषण बेहरा, अशोक पंडा और चंद्र सारथी बेहरा जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
इससे पहले बीजद प्रमुख नवीन पटनायक के निवास ‘नवीन निवास’ पर हुई चर्चा में कई मुद्दों को हल नहीं किया जा सका था। अब पटिया में हुई बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी के अंदर किसी बड़े बदलाव की आहट है।
पांडियन को लेकर बना दो गुट
बीजद के भीतर पूर्व 5-टी चेयरमैन वीके पांडियन को लेकर दो गुटों का बनना साफ दिखाई दे रहा है—एक गुट जहां उनका समर्थन कर रहा है, वहीं दूसरा गुट उनके खिलाफ मुखर है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीजद अब टूट के कगार पर है?
नवीन पटनायक की वक्फ बिल पर पार्टी के वोटिंग फैसले को लेकर अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे स्थिति और भी रहस्यमयी होती जा रही है।
हम नवीन पटनायक के साथ हैं – शशि भूषण
शशि भूषण बेहरा ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा है कि कुछ नेता जिनकी सोच समान है, उन्होंने कुछ मुद्दों पर चर्चा की। नवीन पटनायक एकमात्र निर्विवाद नेता हैं और हम उनके साथ हैं। अगर कोई बाहरी ताकत उन्हें कमजोर करने की कोशिश करेगी, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।
टूट की संभावना नहीं – अतनु सब्यसाची
बीजद नेता अतनु सब्यसाची ने पार्टी में किसी भी प्रकार की टूट की संभावना से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि बीजद में किसी ने भी नवीन पटनायक के नेतृत्व को चुनौती नहीं दी है। देवाशीष सामंतराय ने भी नवीन के खिलाफ कुछ नहीं कहा। सभी विधायक और सांसद नवीन बाबू का सम्मान करते हैं और पार्टी उनके आदेशों का पालन करती है। हमारा संगठन अनुशासित है और हमेशा रहेगा।