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ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व और सतत विकास पर स्वतंत्र व्याख्यान का आयोजन

कोरापुट। ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय के समाजविज्ञान विभाग (CUO) के तत्वावधान में कोरापुट जिले के सतत विकास में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) की भूमिका विषय पर एक स्वतंत्र व्याख्यान 7 अप्रैल 2025 को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर चक्रधर त्रिपाठी ने कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं दीं। विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष और प्रोफेसर रथि कान्त कुंभार ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया और एक सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मंच पर उपस्थित थे शिक्षा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर भरत कुमार पंडा, समाजविज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ. कपिला खेमुंडु और समाजविज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीप्ति शंकर। समाजविज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. नूपुर पटनायक ने कार्यक्रम का संयोजन करते हुए स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।
प्रोफेसर कुंभार ने अपने वक्तव्य में भारतीय संस्कृति और औद्योगिक परिवेश में सामाजिक उत्तरदायित्व की एकीकृत भूमिका पर गहराई से विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने आर्ची कैरोल के CSR पिरामिड पर प्रकाश डालते हुए कॉर्पोरेट पहलों के परोपकारी, नैतिक, कानूनी और आर्थिक पक्षों पर चर्चा की। उन्होंने नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) की ‘इंद्रधनुष’ और ‘नालको की लाडली’ जैसी पहलों पर विस्तृत केस स्टडी प्रस्तुत की, जिसमें इस क्षेत्र में कल्याण को बढ़ावा देने और नकारात्मक बाह्यताओं को कम करने में इनकी भूमिका पर बल दिया गया।
उन्होंने स्थानीय जलभंडारों और जलाशयों का उपयोग कर मीठे पानी की मछली पालन को सतत विकास का एक माध्यम बताया। प्रोफेसर कुंभार ने CSR को केवल हिस्सेदार मूल्य सृजन तक सीमित न मानते हुए समुदाय, पर्यावरण और नियामक संस्थाओं सहित विभिन्न हितधारकों के लिए आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक लाभ पर भी बल दिया।
डॉ. कपिला खेमुंडु ने उद्घाटन भाषण देते हुए CSR और स्थानीय विकास, विशेष रूप से कोरापुट क्षेत्र में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर भरत कुमार पंडा ने दैनिक जीवन में सामाजिक उत्तरदायित्व की व्यापक प्रासंगिकता पर बल दिया, जबकि डॉ. दीप्ति शंकर ने निगरानी, मूल्यांकन और रोजगार सृजन में CSR की भूमिका पर चर्चा की।
समाजविज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. सौभाग्यलक्ष्मी सिंह ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया। सहायक प्रोफेसर डॉ. एलिसा महांती ने समापन भाषण दिया, और डॉ. नूपुर पटनायक ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया, यह जानकारी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. फगुनाथ भोई ने दी।
इस कार्यक्रम में डॉ. मिनती साहू, डॉ. आदित्य केशरी मिश्रा, मानस कुमार मल्लिक, डॉ. काकोली बनर्जी, डॉ. रविता पाठक, डॉ. बबलू जाखर और जनसंपर्क अधिकारी डॉ. फगुनाथ भोई प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के कई छात्र-छात्राएं और शोधार्थी शामिल हुए।
समाजविज्ञान के क्षेत्र में विद्यार्थियों के लिए यह सत्र अत्यंत समृद्ध और प्रासंगिक रहा। कार्यक्रम का संचालन समाजविज्ञान विभाग के शोधार्थियों निरंजन माझी और सायिन्तीनी दास ने किया।

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