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चलती ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, रेलवे ट्रैक पर मिला शव
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मौत से पहले सोशल मीडिया पर वीडियो किया पोस्ट
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वीडियो में पत्नी पर लगाया मानसिक उत्पीड़न का आरोप
भुवनेश्वर। ओडिशा के खुर्दा जिले में पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर एक युवक ने आत्महत्या कर ली है। इस घटना से इलाके में शोक और चिंता की लहर दौड़ पड़ी है। युवक की पहचान कुमारबस्ता गांव निवासी रामचंद्र जेना के रूप में हुई है, जो औद्योगिक थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। शनिवार सुबह धौली रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक से उसका शव बरामद किया गया।
रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अनुसार, शुरुआती जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। रामचंद्र ने संभवतः चलती ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, जबकि पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
वीडियो में सुनाई पीड़ा
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि रामचंद्र ने आत्महत्या से कुछ देर पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उसने अपनी मानसिक स्थिति और पीड़ा को खुलकर व्यक्त किया। वीडियो में वह पत्नी द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने और भावनात्मक शोषण का आरोप लगाते हुए कहता है कि मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता। जो पीड़ा मैं झेल रहा हूं, उसी के कारण अपनी जान दे रहा हूं। आगे उसने कहा है कि उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया और मेरी पत्नी को मेरे घर में झगड़ा करने के लिए कहा। मेरी पत्नी ने तलाक की धमकी दी और मेरे परिवार को भी प्रताड़ित किया। देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कानून हैं, लेकिन मेरी शादी ने सब कुछ उल्टा कर दिया।
युवक था जिम्मेदार और शांत स्वभाव का
घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है। मृतक के पड़ोसियों और दोस्तों ने मीडिया से बाचतीत के दौरान रामचंद्र को एक जिम्मेदार और शांत स्वभाव का युवक बताया। एक पड़ोसी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह बहुत ही भला लड़का था। हमें यकीन नहीं हो रहा कि उसने ऐसा कदम उठा लिया।
वीडियो बना जांच का अहम हिस्सा
रेलवे पुलिस ने बताया कि वीडियो और आत्महत्या के पीछे के कारणों की गंभीरता से जांच की जा रही है। यदि महिला द्वारा प्रताड़ना के आरोप सही पाए गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मामले ने फिर उठाया मानसिक स्वास्थ्य और घरेलू उत्पीड़न पर सवाल
यह दुखद घटना मानसिक स्वास्थ्य, वैवाहिक तनाव और भावनात्मक उत्पीड़न जैसे संवेदनशील मुद्दों को एक बार फिर सामने लेकर आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में समय रहते हस्तक्षेप और मानसिक परामर्श की व्यवस्था होना बेहद जरूरी है।