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बुधवार को शुरू हुई कार्यवाही गुरुवार सुबह 7:30 बजे तक रिकॉर्ड तोड़ चली
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इस ऐतिहासिक सत्र ने एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में नई मिसाल कायम की
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा ने इतिहास रचते हुए रिकॉर्ड तोड़ कार्यवाही पूरी की। सदन की कार्यवाही लगातार चलने के बाद सुबह 7:30 बजे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस ऐतिहासिक सत्र ने एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में नई मिसाल कायम की।
सूत्रों के अनुसार, यह पहला मौका है, जब विधानसभा में इतनी लंबी कार्यवाही चली और सुबह तक सदन की गतिविधियाँ जारी रहीं। इससे पहले साल 2005 में रातभर विधानसभा की कार्यवाही चली थी, जब राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक थे। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के कार्यकाल में यह नया रिकॉर्ड बना है।
ऐतिहासिक सत्र का महत्व
विधानसभा में चर्चा का केंद्र ओडिशा विश्वविद्यालय (संशोधन) बिल-2024 रहा, जिसमें विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस भी हुई। लंबी चर्चा के दौरान कई विधेयकों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। सदन में विभिन्न दलों के सदस्यों ने अपनी बात को जोरदार तरीके से प्रस्तुत किया।
रातभर की कार्यवाही के कारण
इस ऐतिहासिक कार्यवाही का मुख्य कारण था विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच ओडिशा विश्वविद्यालय (संशोधन) बिल-2024 पर सहमति बनाने की कोशिश, जिन पर चर्चा के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता थी।
बीजद और भाजपा विधायक ही रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण समय सदन में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल बीजद के विधायक ही सदन में मौजूद रहे। कांग्रेस के सभी 14 विधायक अभी निलंबित हैं। इसलिए वे कार्यवाही में शामिल नहीं।
2005 और 2025 का अंतर
बताया जाता है कि साल 2005 में जब नवीन पटनायक मुख्यमंत्री थे, तब भी विधानसभा की कार्यवाही रातभर चली थी, लेकिन इतनी सुबह तक नहीं। अब राज्य में पहली बार भाजपा ने बहुमत से सरकार बनायी है और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व में चली इस रिकॉर्ड तोड़ कार्यवाही ने उस रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की लंबी कार्यवाही लोकतंत्र की सशक्तता को दर्शाती है। यह न केवल सत्ता पक्ष और विपक्षी विधायकों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि जनहित के मुद्दों पर गहन चर्चा की आवश्यकता को भी उजागर करता है। विधानसभा की इस ऐतिहासिक कार्यवाही पर आम जनता में भी चर्चा हो रही है।
ओडिशा विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
17वें विधानसभा का तीसरा तथा बजट सत्र आज सुबह समाप्त हो गया। विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने तीन कार्य दिवसों से पहले अनिश्चितकाल के लिए विधानसभा को स्थगित करने की घोषणा की।
इस सत्र में 28 कार्य दिवसों में से 25 कार्य दिवसों तक कार्यवाही चली। आगे कोई महत्वपूर्ण कार्यक्रम नहीं होने के कारण, सरकार ने विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव का समर्थन शासक दल के विधायक रूप भत्रा और शत्रुघ्न जेना ने किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
इस सत्र में विश्वविद्यालय संशोधन बिल 2024 और राज्य राजपथ प्राधिकरण बिल 2025 विधानसभा में पारित किए गए। साथ ही 2025-26 के वित्तीय वर्ष का बजट भी विधानसभा में पारित हुआ।
सप्तदश विधानसभा के इस तीसरे सत्र में कई घटनाएँ हुईं। पहली बार विधानसभा इतिहास में कांग्रेस दल के सभी विधायक गृह से निलंबित किए गए। इसके साथ ही, विश्व विद्यालय संशोधन बिल और राज्य राजपथ प्राधिकरण बिल पर चर्चा रात भर जारी रही। यह सत्र बुधवार सुबह 10:30 बजे शुरू हुआ और गुरुवार सुबह 7:05 बजे तक जारी रहा।