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CAG: 5-टी योजना में समय सीमा और पारदर्शिता की कमी – कैग

  • योजना पर कैग ने उठाए सवाल

  •  परियोजना में समय सीमा और पारदर्शिता की कमी

  • हाई स्कूल परिवर्तन परियोजना को लेकर आलोचना

  •  समय सीमा निर्धारित नहीं की गई

भुवनेश्वर। महालेखा परीक्षक (कैग) ने ओडिशा सरकार की 5-टी योजना पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कैग की रिपोर्ट में हाई स्कूल परिवर्तन परियोजना को लेकर आलोचना की गई है, जिसमें यह बताया गया है कि परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए कोई स्पष्ट समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि परियोजना के पूर्ण होने की समय सीमा को लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है, जिससे परियोजना के निष्पादन और जवाबदेही में कमी देखी जा रही है। कैग की यह रिपोर्ट राज्य में पारदर्शिता और समयबद्ध परियोजना क्रियान्वयन की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
योजना में सुधार की मांग
कैग के इन अवलोकनों ने ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार की 5-टी योजना की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार की इस प्रमुख योजना का उद्देश्य पारदर्शिता, तकनीक, टीम वर्क, समय और परिवर्तन के माध्यम से शासन में सुधार करना था। हालांकि, कैग की रिपोर्ट में समय पर परियोजना डिलीवरी और पारदर्शिता की कमी को उजागर किया गया है।
हाई स्कूल परिवर्तन परियोजना का उद्देश्य
कैग रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हाई स्कूल परिवर्तन कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय निर्वाचित निकायों, स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) और पूर्व छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना था। इसका लक्ष्य स्कूलों में संरचनात्मक परिवर्तन और शैक्षिक प्रक्रियाओं में सुधार करना था, ताकि स्कूलों को सुखद और प्रेरणादायक शिक्षण केंद्र बनाया जा सके।
परियोजना का एक अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्य शिक्षकों के कौशल में सुधार, छात्रों में आत्मविश्वास का विकास और शिक्षण समुदाय, पूर्व छात्र और स्थानीय समुदायों में परियोजना स्वामित्व की भावना को बढ़ावा देना था।
वित्तीय पहलू और परियोजना निष्पादन में कमी
कैग रिपोर्ट के अनुसार, 5-टी योजना के तहत 1,146 हाई स्कूलों के परिवर्तन के लिए कुल 687.60 करोड़ रुपये (प्रति स्कूल 60 लाख रुपये) स्वीकृत किए गए थे। इसमें पहले चरण में 260 स्कूलों के लिए 156 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 886 स्कूलों के लिए 531.60 करोड़ रुपये ओएमबीएडीसी द्वारा जून और सितंबर 2021 में स्वीकृत किए गए। अगस्त और अक्टूबर 2021 में ओएसईपीए ने सात जिलों को यह राशि जारी की।
हालांकि, परियोजना रिपोर्टों (डीपीआर) के संबंध में कोई विशिष्ट निर्देश या समय सीमा जारी नहीं की गई थी। न ही परियोजना के पूर्ण होने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित की गई थी।
जिम्मेदारी और पारदर्शिता की कमी
कैग की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि 5-टी योजना के तहत कार्यान्वयन की निगरानी और पारदर्शिता में सुधार की आवश्यकता है। स्थानीय निकायों और अन्य हितधारकों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने और परियोजना की समयबद्धता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
ओडिशा सरकार ने 5-टी योजना को शासन में सुधार के मॉडल के रूप में पेश किया है। लेकिन कैग की आलोचना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि समय सीमा और पारदर्शिता का अभाव रहेगा तो योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में बाधा आ सकती है।

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