Home / Odisha / संबलपुरी-कौशली को राज्य भाषा के रूप में मान्यता देने की मांग

संबलपुरी-कौशली को राज्य भाषा के रूप में मान्यता देने की मांग

  • बीजद नेता प्रसन्न आचार्य ने इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का आग्रह किया

  • ओडिशा विधानसभा में शून्यकाल के दौरान उठाई मांग

भुवनेश्वर। बीजू जनता दल के वरिष्ठ नेता तथा ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के उपनेता प्रसन्न आचार्य ने राज्य सरकार से संबलपुरी-कौशली को राज्य भाषा के रूप में मान्यता देने और इसे भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का आग्रह किया है।

ओडिशा विधानसभा में आज शून्यकाल के दौरान आचार्य ने यह मांग उठाते हुए कहा कि ओडिशा के 11 जिलों में 1.5 करोड़ से अधिक लोग संबलपुरी-कौशली भाषा बोलते हैं। उन्होंने कहा कि कौशली एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली भाषा है, जिसका समृद्ध साहित्यिक धरोहर है, जिसमें कई लघु कथाएँ, कविताएँ और किताबें शामिल हैं। इसके अलावा, कौशली भाषा का अपना शब्दकोश भी है, जो इसे आधिकारिक मान्यता देने का और मजबूत आधार प्रदान करता है।

संसद में कई बार उठी मांग

आचार्य ने यह भी उल्लेख किया कि कौशली गीत जैसे रंग बती और ची ची रे नानी की लोकप्रियता न केवल ओडिशा में, बल्कि पूरे भारत में फैली हुई है। उन्होंने कहा कि कई ऐसी भाषाएँ, जिनके पास अलग लिपि नहीं है, उन्हें मान्यता मिल चुकी है, लेकिन कौशली अभी तक उपेक्षित है। उन्होंने बताया कि संसद में कई बार कौशली को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई गई है।

केंद्र को एक प्रस्ताव भेजे

आचार्य ने ओडिशा सरकार से आग्रह किया कि वह केंद्र को एक प्रस्ताव भेजे, जिसमें कोसली को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जाए, और राज्य में इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए।

Share this news

About desk

Check Also

भुवनेश्वर के बरगड़ इलाके में जलजमाव से हाहाकार, निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त को घेरा

भुवनेश्वर। राजधानी भुवनेश्वर के बरगड़ इलाके में भारी बारिश के बाद गंभीर जलजमाव की स्थिति …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *