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ओडिशा रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी शुरू की फॉरेंसिक ऑडिट की पहल
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समस्याओं के बढ़ने से पहले ही होगा उनका समाधान
भुवनेश्वर। ओडिशा रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (ओरेरा) ने राज्य के रीयल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए फॉरेंसिक ऑडिट फर्मों को अपनी जांच प्रक्रिया में शामिल किया है। इस कदम का उद्देश्य रीयल एस्टेट बाजार में अनुशासन और व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
अब देरी से चल रहे प्रोजेक्ट्स, वित्तीय अनियमितताओं या अनधिकृत प्री-लॉन्च बिक्री जैसी गतिविधियों में शामिल परियोजनाओं की गहन जांच के लिए फॉरेंसिक ऑडिट टीमें तैनात की जाएंगी। ये विशेषज्ञ किसी भी संभावित कुप्रबंधन और वित्तीय विसंगतियों की पहचान करेंगे, जिससे डेवलपर्स के बीच अनुशासन बना रहे।
यह पहल न केवल निवारक होगी बल्कि सुधारात्मक भी होगी, जिसका उद्देश्य समस्याओं के बढ़ने से पहले ही उनका समाधान करना है। इससे न केवल डेवलपर्स के बीच पेशेवर आचरण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ग्राहकों के हितों की भी रक्षा होगी।
खरीदारी की होगी सुरक्षा
यह निर्णय ओरेरा की होमबायर्स के अधिकारों की सुरक्षा और संपत्ति क्षेत्र में संरचित विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जांच और संतुलन को बढ़ाकर, प्राधिकरण उपभोक्ताओं के विश्वास को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। यह कदम रीयल एस्टेट उद्योग में अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए ओरेरा के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है, जो उपभोक्ताओं की सुरक्षा और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए नियामक ढांचे के साथ तालमेल बनाए रखता है।
पार्किंग स्थल न देने पर 62 लाख का जुर्माना
हाल ही में ओरेरा ने भुवनेश्वर के शंकरपुर इलाके में एक रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट में गृह खरीददार को पर्याप्त कार पार्किंग स्थान न देने पर एक रियल्टर पर 62 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना ओरेरा द्वारा सितंबर 2021 में पारित आदेश का उल्लंघन करने पर रीयल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 63 के तहत स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज किए गए मामले के बाद लगाया गया है।
गृह खरीदारों से अपील
इस बीच, ओरेरा ने सभी गृह खरीदारों से अपील की है कि वे अपने प्रोजेक्ट्स में किसी भी संदिग्ध गतिविधि या असामान्य देरी की जानकारी तुरंत साझा करें। ओरेरा ने आश्वासन दिया है कि ऐसे मामलों में त्वरित जांच और उचित कार्रवाई की जाएगी।