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ओडिशा में महिला अपराधों में आई गिरावट : मुख्यमंत्री 

  • महिला अपराधों में गिरावट के आंकड़े गिनाए

भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में कमी आई है। उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि वे राज्य में हो रहे सकारात्मक बदलावों को देख ही नहीं पा रहे हैं।

गृह विभाग के बजटीय मांग पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार के मामलों में 3.9% की कमी आई है। यौन उत्पीड़न के मामलों में 13.5% की गिरावट दर्ज की गई है। सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को बेइज्जत करने की घटनाएं 22.3% कम हुई हैं। मानव तस्करी के मामलों में 29.4% की गिरावट आई है। छेड़छाड़ के मामलों में 3.8% की कमी आई है। दहेज हत्या के मामलों में 20.1% की गिरावट दर्ज की गई है। दहेज उत्पीड़न के मामलों में 4.6% की कमी आई है।

विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री का जवाब 

कांग्रेस ने राज्य में महिला अपराधों में बढ़ोतरी का आरोप लगाते हुए इस पर जांच के लिए विधानसभा में एक समिति गठित करने की मांग की थी। इस पर माझी ने जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपना रही है।

विपक्षी दलों की गैरमौजूदगी पर टिप्पणी 

इस चर्चा के दौरान बीजद और कांग्रेस के विधायक सदन से गैरहाजिर रहे। बीजद विधायकों ने विपक्ष के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर वॉकआउट कर दिया, जबकि कांग्रेस के 14 विधायकों को सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विपक्ष चर्चा में भाग लेता, तो यह राज्य के हित में बेहतर होता। हमारी सरकार हमेशा बहस, चर्चा और विचार-विमर्श में विश्वास करती है।

कांग्रेस पर कसा तंज 

महिला सुरक्षा पर कांग्रेस के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस हमें महिला सुरक्षा पर पाठ न पढ़ाए। क्या वे एक भी ऐसा मामला बता सकते हैं, जिसे हमारी सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया?

पुलिस बल के आधुनिकीकरण पर जोर 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए कई कदम उठा रही है, जिससे अपराध नियंत्रण और अधिक प्रभावी हो सके।

वीन पटनायक पर निशाना 

माझी ने पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब सदन में उनकी उपस्थिति न के बराबर थी। हमें उन्हें ढूंढने के लिए लालटेन लेकर निकलना पड़ा था।

उन्होंने यह भी कहा कि पटनायक ने अपने 16 साल के कार्यकाल में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में एक बार भी जनता की समस्याएं नहीं सुनीं। इसके विपरीत, माझी ने दावा किया कि उन्होंने अब तक 9,000 से अधिक शिकायतें सुनी हैं, जिनमें से 83% का समाधान किया जा चुका है।

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