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कहा-भाजपा नेताओं और विधानसभा अध्यक्ष की कार्यशैली ने सदन को किया अपवित्र
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भाजपा ने बताया वीके पांडियन का ड्रामा
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में बुधवार को एक अलग ही तरह का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला, जब बीजू जनता दल (बीजद) के विधायकों ने गंगाजल छिड़ककर सदन को ‘पवित्र’ करने की कोशिश की। बीजद का आरोप है कि भाजपा नेताओं और विधानसभा अध्यक्ष की कार्यशैली ने सदन को ‘अपवित्र’ कर दिया है, जिसके खिलाफ उन्होंने यह प्रतीकात्मक विरोध किया।
यह घटना प्रश्नकाल के दौरान हुई, जब कुछ बीजद विधायक पीतल के कलश (पारंपरिक जलपात्र) में गंगाजल लेकर सदन में पहुंचे और पूरे विधानसभा परिसर में पवित्र जल का छिड़काव करने लगे। उनका कहना था कि सदन में लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट कर दिया गया है और इसे दोबारा ‘पवित्र’ करने की जरूरत है।
विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए विधायकों को कलश सदन के अंदर न लाने की सलाह दी। इसके बाद बीजद नेताओं ने विधानसभा परिसर के बाहर जाकर अपना प्रदर्शन जारी रखा।
बीजद विधायकों ने कहा कि भाजपा सरकार ने विधानसभा को अलोकतांत्रिक और तानाशाही शासन के केंद्र में बदल दिया है। उन्होंने सदन में पुलिस की मौजूदगी और विपक्षी नेताओं पर कथित हमले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।
तानाशाही का शासन का आरोप
बीजद विधायक गौतम बुद्ध दास ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से ओडिशा विधानसभा, जो लोकतंत्र का मंदिर है, उसे भाजपा नेताओं और अध्यक्ष ने अपवित्र कर दिया है। यहां तानाशाही का शासन चलाया जा रहा है। पुलिस और भाजपा के लोगों को सदन में बेरोकटोक प्रवेश दिया गया है। हम इसके विरोध में गंगाजल छिड़क रहे हैं ताकि यह स्थान फिर से पवित्र हो जाए।
वहीं, बीजद विधायक अरुण साहू ने भी भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है, लेकिन भाजपा इसे तानाशाही केंद्र बना रही है। यहां विपक्षी नेताओं पर हमले किए जा रहे हैं और बाहरी लोगों को सदन में आने दिया जा रहा है। यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। इसलिए हम गंगाजल छिड़ककर इसे शुद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं।
भाजपा ने विरोध को बताया ‘ड्रामा’
बीजद के इस विरोध प्रदर्शन पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे मात्र एक ‘नौटंकी’ करार दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि बीजद के नेता ओडिशा की जनता को छोड़कर तमिलनाडु के एक व्यक्ति (वीके पांडियन) की सेवा करने में लगे हुए हैं। भाजपा नेता सरोज पाढ़ी ने बीजद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे वही लोग हैं जिन्होंने ओडिशा की जनता को छोड़कर तमिलनाडु के एक व्यक्ति (वीके पांडियन) की सेवा करने का रास्ता चुना। अब वे केवल ड्रामा कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस नाटक का निर्देशन या तो वीके पांडियन कर रहे हैं या फिर बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक।
सदन में टकराव जारी, सियासी माहौल गरमाया
बीजद के इस अनोखे विरोध और भाजपा के पलटवार के बाद ओडिशा की सियासत और गर्मा गई है। विपक्षी दल जहां विधानसभा में लोकतंत्र के हनन का आरोप लगा रहे हैं, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा इसे ‘ड्रामा’ और ‘राजनीतिक स्टंट’ बता रही है। आने वाले दिनों में इस विवाद के और बढ़ने की संभावना है।
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