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कांग्रेस के प्रदर्शन से ओडिशा की राजनीति में बढ़ा सियासी तापमान

  • भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस और बीजद पर हमला बोल

  • विधानसभा की गरिमा भंग कर रहे विपक्षी दल – मनमोहन

भुवनेश्वर। कांग्रेस के हालिया आक्रामक रुख और विधानसभा घेराव के बाद ओडिशा की राजनीति में नया सियासी घमासान शुरू हो गया है। इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कांग्रेस और बीजद (बीजू जनता दल) दोनों पर हमला बोलते हुए विपक्ष को गैर-जिम्मेदार बताया, वहीं कांग्रेस की विधायक सोफिया फिरदौस ने राज्य सरकार पर महिला सुरक्षा के मामले में विफल रहने का आरोप लगाया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कांग्रेस और बीजद पर ओडिशा विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दल बिना तर्क के हंगामा कर रहे हैं और सदन को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है, लेकिन कांग्रेस और बीजद जैसी पार्टियां इसे अशांत करने में लगी हुई हैं। विपक्ष को जिम्मेदारी के साथ सरकार की आलोचना करनी चाहिए, लेकिन वे केवल हंगामा करके जनता का ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं।

सत्ता में होने के भ्रम में जी रही बीजद

सामल ने बीजद पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी अभी भी सत्ता में होने के भ्रम में जी रही है और चुनावी हार को स्वीकार नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि बीजद अब विपक्ष में है, लेकिन उनका आचरण ऐसा है जैसे वे अभी भी सत्ता में हैं। उन्हें यह समझना होगा कि जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल किया है और अब उन्हें रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए।

विपक्ष को आत्मचिंतन करने की जरूरत

भाजपा अध्यक्ष ने विपक्ष को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बीजद और कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए कि वे जनता के लिए क्या कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे ‘शॉर्टकट राजनीति’ कर रहे हैं और बिना किसी ठोस मुद्दे के सरकार का विरोध करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजद दोनों को यह देखना चाहिए कि वे किन मुद्दों पर लड़ रहे हैं। वे बिना वजह हंगामा कर रहे हैं और राज्य के विकास में बाधा डाल रहे हैं। कोई भी विपक्षी दल सरकार की आलोचना कर सकता है, लेकिन इसके लिए सही तथ्यों और तर्कों की जरूरत होती है, न कि झूठे आरोपों और शोर-शराबे की।

पिछले विवादों का भी जिक्र किया

इसके अलावा, सामल ने बीजद सरकार के पिछले कार्यकाल में हुए विवादों का भी जिक्र किया और कहा कि जनता को सब याद है। उन्होंने कहा कि कोई यह नहीं भूला कि बीलुआखाई नदी घोटाला, अंजना मिश्रा मामला और चाबी रानी कांड किसके शासन में हुए थे। कांग्रेस और बीजद को पहले अपने पुराने शासन की गलतियों का विश्लेषण करना चाहिए, फिर सरकार पर सवाल उठाने चाहिए।

कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस का पलटवार 

कांग्रेस की विधायक सोफिया फिरदौस ने भाजपा सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री खुद विधानसभा में स्वीकार कर चुके हैं कि उनके शासन में महिलाओं पर अत्याचार के हजारों मामले दर्ज हुए हैं और लाखों महिलाएं एवं बच्चे लापता हुए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। मुख्यमंत्री खुद विधानसभा में यह स्वीकार कर चुके हैं कि पिछले कुछ वर्षों में 1600 महिलाओं पर अत्याचार के मामले दर्ज हुए हैं और 40,000 से अधिक महिलाएं और बच्चे लापता हुए हैं। हम सिर्फ सरकार से इन मुद्दों पर जवाब मांग रहे हैं, लेकिन सरकार बहरी बनी हुई है।

जनता की आवाज दबाने के लिए हरसंभव प्रयास

सोफिया ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार जनता की आवाज दबाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। जब भी कोई सरकार की विफलताओं पर सवाल उठाता है, तो उसे दबाने की कोशिश की जाती है। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर चर्चा करने के बजाय सरकार सिर्फ विपक्ष पर आरोप लगाने में लगी है।

सब देख रही है जनता

कांग्रेस विधायक ने कहा कि भाजपा सरकार केवल विपक्ष पर दोष मढ़कर अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती। उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है कि सरकार किस तरह से जनता के मुद्दों से भाग रही है। विपक्ष केवल जनता की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का काम कर रहा है, लेकिन सरकार के पास कोई ठोस जवाब नहीं है।

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