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हाई बोल्टेज ड्रामा: ओडिशा विधानसभा के बाहर कांग्रेस और पुलिस में झड़प

  • प्रशासन ने विधानसभा परिसर के आसपास धारा 163 लागू की

भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा के अंदर और बाहर मंगलवार रात को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। कांग्रेस के 12 विधायकों के निलंबन के बाद विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने विधानसभा परिसर के आसपास धारा 163 लागू कर दी।
सदन में कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ हंगामा किया था। विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए 12 कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया। निलंबन के बाद ये विधायक सदन से बाहर नहीं गए, बल्कि विधानसभा के बीचोबीच बैठकर धरना देने लगे।
स्पीकर के निर्देश पर सुरक्षाकर्मियों ने इन विधायकों को जबरन हटाने की कोशिश की, इस दौरान कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र काडाम घायल हो गए।
विधानसभा के बाहर भी कांग्रेस का प्रदर्शन, पुलिस से झड़प
इस निलंबन के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता विधानसभा के बाहर धरना देने पहुंचे। प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निरंजन पटनायक, नरसिंह मिश्र, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भक्तचरण दास, जयदेव जेना और शरत राउत ने किया।
रात 10 बजे के करीब विधानसभा के गेट पर पहुंचे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने अंदर जाने से रोक दिया।
नरसिंह मिश्र ने स्पीकर को फोन कर मुलाकात की अनुमति मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
कांग्रेस नेताओं ने पुलिस से तर्क किया कि धारा 163 पांच लोगों के एक साथ जाने पर रोक नहीं लगाती, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
पुलिस ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया
जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन तेज होता गया, पुलिस ने विधानसभा के पास की सड़कों को सील कर दिया। बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। कुछ समय बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया।
रात करीब 11 बजे पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भक्तचरण दास, नरसिंह मिश्र, निरंजन पटनायक, जयदेव जेना और शरत राउत को हिरासत में लेकर राजधानी पुलिस स्टेशन भेज दिया।
कांग्रेस ने सरकार पर लगाए आरोप
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय कुमार लल्लू भी रात में विधानसभा के पास पहुंचे और सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक कदम है। विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है।”
विधानसभा के बाहर रातभर डटे रहे कार्यकर्ता
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया कि जब तक उनके नेताओं को छोड़ा नहीं जाता, वे विधानसभा के सामने विरोध जारी रखेंगे। आधी रात तक विधानसभा के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा।
क्या है धारा 163?
बीएनएस (भारतीय दंड संहिता) की धारा 163 के तहत किसी सार्वजनिक स्थान पर भीड़ इकट्ठी करने या प्रदर्शन करने पर रोक लगाई जा सकती है। ओडिशा पुलिस ने विधानसभा परिसर और आसपास इस धारा को लागू कर किसी भी तरह के जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया।
सरकार की सफाई
सरकार ने कहा कि विधानसभा की गरिमा को बनाए रखना जरूरी है। कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही बाधित की, जिसके चलते उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं, कांग्रेस नेताओं को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोकने के सवाल पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई।
अगले कदम पर कांग्रेस का मंथन
घटनाक्रम के बाद कांग्रेस हाईकमान ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक बुलाकर राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ने की रणनीति बनाने की बात कही। इस पूरी घटना ने ओडिशा की सियासत में हलचल मचा दी है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक तापमान और बढ़ सकता है।

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