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विधानसभा अध्यक्ष से बयान की मांग को प्रश्नकाल में बीजेडी ने किया बहिर्गमन

  •  कुछ समय तक बिना किसी विपक्षी विधायक की उपस्थिति के चलता रहा प्रश्नकाल

भुवनेश्वर। आज विधानसभा में प्रश्नकाल कुछ समय तक बिना किसी विपक्षी विधायक की उपस्थिति के चलता रहा। कल की घटना को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से बयान देने की मांग कर बीजेडी विधायकों ने बहिर्गमन किय़ा। उनके बहिर्गमन के बाद विधानसभा में प्रश्नकाल कुछ समय के लिए स्वाभविक रुप से चला। हालांकि कुछ समय बाद कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति और रमेश चंद्र जेना घंटा लेकर गृह के अंदर प्रवेश करते हुए घंटा बजाते हुए दिखाई दिए।
आज सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती सुरमा पाढ़ी प्रश्नकाल कार्यकम शुरू करना चाहा । लेकिन विपक्षी दल की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि कल रात विधानसभा में जो हुआ है, उसके बारे में मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। कल जो हुआ वह सही नहीं था। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष को इस मामले में गृह में बयान देना चाहिए। इसके साथ ही बीजेडी के अन्य विधायक भी नारेबाजी करने लगे। इसके बाद बीजेडी के विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया। परिणामस्वरूप, कुछ समय तक प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलता रहा।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद बाहिनीपति और रमेश चंद्र जेना घंटी लेकर सदन के अंदर प्रवेश करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम के पास गए। इसके बाद उन्होंने नीचे घंटा बजाना जारी रखा।
विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती पाढ़ी घंटी न बजाने के लिए दोनों कांग्रेस विधायकों से अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की बात को अनसुना कर दिया। परिणामस्वरूप, विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों कांग्रेस विधायकों को चेतावनी दी।
प्रसन्न आचार्य ने गहरी चिंता व्यक्त की
कांग्रेस विधायक के निलंबन और उसके बाद की घटनाओं को लेकर विपक्षी दल के उप नेता प्रसन्न आचार्य ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कल की घटना को “अभूतपूर्व” बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष से विवाद की मांग की।
आज प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद शून्यकाल में श्री आचार्य ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि कल जो घटना घटी, वह असामान्य थी। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ था कि पुलिस गृह के अंदर घुसकर विधायक को बाहर ले जाए। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकारी दल की इस तरह की प्रतिक्रिया सही नहीं है। अगर सरकार इसी प्रकार की प्रतिक्रिया जारी रखेगी तो उसका परिणाम अलग होगा।
श्री आचार्य ने यह भी कहा कि वह कई बार इस सदन के सदस्य रह चुके हैं, लेकिन कभी भी ऐसी घटना नहीं देखी, जहां पुलिस सदन के अंदर घुसकर विधायकों को बाहर ले जाए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि गृह चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है, न कि विपक्ष की। इस मामले में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इस बारे में बयान की मांग की है।

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