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बीजद और कांग्रेस के विधायकों ने जमकर किया हंगामा
भुवनेश्वर। बीजद और कांग्रेस दोनों विपक्षी दलों के विधायकों के हंगामे के कारण आज भी विधानसभा में प्रथमार्ध की बैठक बाधित हुई। इस कारण प्रश्नकाल व शून्यकाल जैसे कार्यक्रम नहीं हो सके। विपक्षी विधायकों के हंगामे की वजह से अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने सदन को सुबह 11:30 बजे तक स्थगित करने की घोषणा की थी। इसके बाद भी वैसी ही स्थिति बनी रही। गतिरोध को दूर करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, लेकिन उससे कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। इस कारण सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा।
आज निर्धारित समय 10:30 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी प्रश्नकाल प्रारंभ करना चाहती थीं और मंत्री रवि नारायण नायक को उत्तर देने के लिए बुलाया। मंत्री नायक ने उत्तर देना शुरू कर ही दिया था कि उसी समय बीजद और कांग्रेस दल के विधायक नारेबाजी करते हुए हाथों में प्लेकार्ड लेकर सदन के मध्य भाग की ओर बढ़ आए।
कांग्रेस के विधायक घंटी और बंशी बजाकर राज्य में बढ़ रही महिला उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर विरोध कर रहे थे। वहीं बीजद के विधायक शिक्षा और रोजगार क्षेत्र में 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे थे। उन्होंने “अगर बिहार में जातिगत जनगणना हो सकती है, तो ओडिशा में क्यों नहीं?” — इस तरह के संदेश लिखे हुए प्लेकार्ड हाथ में ले रखे थे।
अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने कहा कि कल उपाध्यक्ष ने यह निर्देश दिया था कि घंटी और शंख लेकर सदन में न आया जाए। इसके बावजूद विधायक इन्हें लेकर आ गए थे। उन्होंने विपक्षी विधायकों से बार-बार अनुरोध किया कि वे अपनी-अपनी सीटों पर जाकर सदन की कार्यवाही में सहयोग करें, लेकिन इस अनुरोध का उन पर कोई असर नहीं पड़ा। अंततः अध्यक्ष ने गतिरोध को टालने के लिए सदन को 11:30 बजे तक स्थगित करने की घोषणा की।
11:30 बजे जैसे ही कार्यवाही फिर से शुरू हुई, वही स्थिति फिर से दिखाई दी। बीजेडी और कांग्रेस के विधायक एक ही मुद्दे को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। इस पर उपाध्यक्ष भवानी शंकर भोई ने सर्वदलीय बैठक बुलाने के साथ-साथ सदन को 30 मिनट के लिए स्थगित करने की घोषणा की। इसके बाद भी समान स्थिति देखने को मिली। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने शाम चार बजे तक सदन को स्थगित करने की घोषणा की।