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सबर राजा विश्वबासु की प्रतिमा का अनावरण किया
भुवनेश्वर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने दो दिवसीय ओडिशा दौरे के दौरान सोमवार को नयागढ़ जिले के कांतिलो स्थित नीलमाधव मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी उनके साथ उपस्थित रहे।
मंदिर के पुजारी ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रपति ने आरती की और भगवान विष्णु के इस पवित्र स्थल पर प्रार्थना कर स्वयं को धन्य महसूस किया। उन्होंने बताया कि द्रौपदी मुर्मू नीलमाधव मंदिर आने वाली पहली मौजूदा राष्ट्रपति हैं।
मालूम हो कि यह प्राचीन मंदिर महानदी के तट पर खंडपाड़ा प्रखंड में स्थित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की मूर्ति स्थापित होने से पहले, यहां भगवान विष्णु को नीलमाधव के रूप में सबर राजा बिस्वबासु द्वारा पूजा जाता था। इस मंदिर की संरचना और अनुष्ठान पुरी स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर से मेल खाते हैं।
नीलमाधव मंदिर के दर्शन के बाद राष्ट्रपति मुर्मू कालियापल्ली गांव पहुंचीं, जो सबर राजा विश्वबासु का पैतृक स्थान है। यहां उन्होंने उनकी प्रतिमा का अनावरण किया और ‘विश्वशांति महायज्ञ’ के समापन समारोह में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने विश्वबासु सबर समाज द्वारा आयोजित एक जनसभा को संबोधित किया।
राजभवन में रात्रि विश्राम
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू सोमवार शाम भुवनेश्वर लौटकर आईं और राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगी। कल मंगलवार सुबह 9:20 बजे वे दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगी।