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दो की हालत गंभीर, अस्पताल में करायी गई भर्ती
भुवनेश्वर। ओडिशा के गजपति जिले के रामगिरि गांव में एक आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा वितरित सत्तू खाने से दो नाबालिग लड़कियों की मौत हो गई और दो अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। रामगिरि गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में शुक्रवार को सत्तू का वितरण किया गया था। जानकारी के अनुसार, शिव शंकर बदामुंडी के परिवार के सदस्यों ने सोमवार को सत्तू का सेवन किया। इसके तुरंत बाद परिवार के चार सदस्य, जिनमें दो नाबालिग लड़कियां तुलसी और गुणावती शामिल हैं, अचानक बीमार पड़ गए।
बीमार पड़ने के बाद सभी को रामगिरि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान शिवा की बेटी तुलसी की मौत हो गई। तुलसी की मौत के बाद अन्य गंभीर मरीजों को परलाखेमुंडी जिला मुख्यालय अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां शिवा की बहन गुनाबती ने भी दम तोड़ दिया।
बीमारों की स्थिति गंभीर
शिव शंकर के पिता अर्जुन बदामुंडी और 13 वर्षीय बेटी सुमित्रा को गंभीर हालत में ब्रह्मपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि सभी की हालत नाजुक बनी हुई है। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। प्रारंभिक जांच में विषाक्तता (फूड प्वाइजनिंग) का संदेह जताया जा रहा है।
प्रशासन ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया है। गजपति जिला कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। छतुआ के सैंपल को परीक्षण के लिए भेजा गया है।
इस हृदयविदारक घटना के बाद से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित किए जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच की जानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। परिजनों और ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही, आंगनबाड़ी केंद्रों में दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए।