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श्रमिकों की मनमानी पर श्री गोपाल कृष्ण गोशाला सख्त

  •  संचालन समिति ने श्रमिकों पर लगाया मनमानी करने और माहौल बिगाड़ने का आरोप

  •  परिचय पत्र जमा नहीं करने वाले श्रमिकों का रूकेगा वेतन

  •  धरना, पुलिस में शिकायत और श्रमिक कानून का भय दिखाकर गोशाला का माहौल दूषित कर रहे हैं कुछ श्रमिक – कंदोई

 

सुधाकर शाही, कटक
श्री गोपाल कृष्ण गोशाला में श्रमिकों की मनमानी को लेकर संचालन समिति ने सख्त रुख अख्तियार किया है. संचालन समिति ने श्रमिकों पर मनमानी करने और कार्य संस्कृति का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है और साथ ही कहा कि परिचय पत्र जमा नहीं करने वाले श्रमिकों का वेतन रोक दिया जायेगा. आरोप है कि ये श्रमिक धरना, पुलिस में शिकायत और श्रमिक कानून का भय दिखाकर गोशाला का माहौल दूषित कर रहे हैं. मठसाही चौलियागंज स्थित कंदोई हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्री गोपाल कृष्ण गोशाला के संचालन में होने वाले समस्या के बारे में अवगत कराया गया. बताया गया कि गोशाला के कुछ लोग वेतन लेने के बावजूद गोशाला के लिए काम नहीं करते हैं और काम करने वाले को सेवकों को काम करने से वंचित करते हैं. गोशाला के महासचिव गणेश प्रसाद कंदोई के बारंबार आग्रह के बावजूद सेवकों के द्वारा परिचय प्रमाण पत्र मुहैया नहीं कराया गया. कंदोई ने बताया कि 57 लोगों का समूह है. इसमें 32 लोगों ने काम करने के लिए इच्छा जतायी है. अन्य 25 लोग वेतन लेने के बावजूद गोशाला के लिए काम नहीं करके बाहर का काम करते हैं. इस पर आपत्ति जताते हुए गोशाला के महासचिव कंदोई ने कहा कि आप सब लोग अपने पहचान पत्र गोशाला कार्यालय में जमा करें. बार-बार कहने के बावजूद इन 25 सदस्यों ने अपना पहचान पत्र जमा नहीं किया. साथ ही ये धरना, पुलिस शिकायत, श्रमिक कानून का भय दिखाकर गोशाला का माहौल को दूषित कर रहे हैं.

गोशाला के माहासचिव ने बताया कि इन लोगों को गोशाला के द्वारा प्रतिदिन के हिसाब से ₹270 रुपये दिये जाते हैं. फिर भी ये 25 लोग गोशाला के लिए काम नहीं करते हैं. ये गोशाला के बाहर काम करते हैं. गोशाला की तरफ से इन लोगों के लिए रहने की व्यवस्था, पानी की व्यवस्था, बिजली की व्यवस्था निःशुल्क की गयी है. इस सबके बावजूद ये सभी लोग गोशाला के प्रति किसी प्रकार का सौहार्दपूर्ण वातावरण में सहयोग नहीं कर पा रहे हैं, जिससे गोशाला के सभी सदस्य इस वातावरण से विचलित हो रहे हैं. गोशाला के महासचिव कंदोई ने बताया कि हम सब की ऐसी कोई भी कोशिश नहीं है कि हमारी व्यवस्था से किसी को किसी प्रकार का कष्ट हो. यह सब समस्या उन लोगों के द्वारा ही खड़ी की जा रही है. उन्होंने बताया है कि गोशाला से हर महीने 12,00,000 रुपये की आमदनी होती है, जबकि 23 लाख रुपये का खर्च होता है. उन्होंने बताया कि समाज के कुछ विशिष्ट सदस्यों के सहयोग से गोशाला को भलि-भांति संचालन किया जा रहा है. गणेश प्रसाद कंदोई ने बताया कि इन 25 लोगों के समूह में कुछ लोगों की उम्र 60 साल से अधिक हो चुकी है, जिससे हम काम के लिए आग्रह नहीं कर सकते, क्योंकि श्रम नियमों के तहत 60 साल के ऊपर के लोगों को काम में नहीं लगा सकते. इसी कारण से इस 25 लोगों के समूह के सदस्य परिचय पत्र जमा नहीं कर पा रहे हैं. इस समूह ने पुलिस, श्रमिक आयुक्त आदि जगहों पर अपनी शिकायत दर्ज करायी थी. इन सबके बावजूद सरकार तथा सरकार के सभी का अधिकारियों ने गोशाला के पक्ष में निर्णय करते हुए कहा है कि गोशाला एक धार्मिक अनुष्ठान है. यहां पर किसी भी तरह का दबाव सहन नहीं किया जाएगा. इस संस्था का मुख्य उद्देश्य गोशाला में गोसेवा करना है. यहां किसी भी प्रकार की राजनीति अथवा दबाव की गुंजाइश नहीं है. इस अपेक्षित समूह द्वारा कई शर्तों का पालन करने का दबाव बनाया जा रहा है, जो इस धार्मिक संस्था के लिए संभव नहीं है. इस संवाददाता सम्मेलन में मुख्य रूप से कंदोई ट्रांस्पोर्ट के जनरल मैनेजर अरुण दास समेत गोशाला के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे.

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