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9.36 लाख से अधिक महिलाओं ने इस योजना के तहत सालाना 1 लाख या उससे अधिक की आय अर्जित की
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राज्य में रंग ला रही है महिला सशक्तिकरण की क्रांतिकारी पहल
भुवनेश्वर। लखपति दीदी के मामले में ओडिशा दूसरे नंबर पर है। 9.36 लाख से अधिक महिलाओं ने इस योजना के तहत सालाना 1 लाख या उससे अधिक की आय अर्जित की है।
यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई है। बताया गया है कि समाज की वास्तविक प्रगति महिलाओं के सशक्तिकरण से मापी जाती है। इसी दृष्टिकोण को अपनाते हुए ओडिशा सरकार ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व में ‘लखपति दीदी’ योजना को प्रभावी रूप से लागू किया है। यह प्रमुख पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दृष्टिकोण का मूर्त रूप है, जिसमें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें वित्तीय और सामाजिक रूप से सशक्त करने पर जोर दिया गया है।
इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन में ओडिशा ने महाराष्ट्र के बाद दूसरा स्थान प्राप्त किया है। अब तक 9.36 लाख से अधिक महिलाओं ने इस योजना के तहत सालाना 1 लाख या उससे अधिक की आय अर्जित कर ली है, जिससे ओडिशा जल्द ही देश में शीर्ष स्थान प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।
ओएलएम ने महिला उद्यमिता को एक सशक्त और प्रभावी स्वरूप दिया
ओडिशा लाइवलीहुड मिशन (ओएलएम) इस योजना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वित्तीय समावेशन, कौशल विकास, बाजार पहुंच और क्षमता निर्माण के माध्यम से ओएलएम ने महिला उद्यमिता को एक सशक्त और प्रभावी स्वरूप दिया है।
संबलपुर जिले ने 79% लक्ष्य पूरा किया
राज्य के विभिन्न जिलों में इस योजना ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। संबलपुर जिले ने 79% लक्ष्य पूरा कर लिया है, जबकि जगतसिंहपुर 70% और जाजपुर 69% लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है। 19 मार्च 2025 तक, ओडिशा ने सालाना 16.19 लाख लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य में से 9.36 लाख महिलाओं को सफलतापूर्वक सशक्त कर दिया है, जो कि 58% की शानदार प्रगति को दर्शाता है।
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सहयोग से बढ़ी सफलता
इस योजना की सफलता में राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय तकनीकी और रणनीतिक साझेदारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं के सहयोग से महिला उद्यमियों की उत्पादकता में सुधार, आजीविका विविधीकरण और बाजार कनेक्टिविटी को मजबूती प्रदान की गई है। खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प और सूक्ष्म उद्यम जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग महिलाओं के व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।
सुभद्रा शक्ति मेला महिला उद्यमियों के लिए सुनहरा मंच
लखपति दीदी योजना की सफलता में सुभद्रा शक्ति मेला एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुआ है। हाल ही में संपन्न इस मेले ने न केवल एक बाज़ार उपलब्ध कराया, बल्कि महिला उद्यमियों को अपनी उत्पादों की पहचान बनाने और व्यापक आर्थिक अवसर प्राप्त करने का अवसर भी दिया।
सुभद्रा शक्ति मेला 2025 को राज्य और चार क्षेत्रीय स्तरों पर आयोजित किया गया। इस मेले में 300 से अधिक पहली बार भाग लेने वाले समूहों सहित हजारों स्वयं सहायता समूह और उत्पादक समूह शामिल हुए। इस आयोजन से ₹8 करोड़ से अधिक का व्यापार हुआ, जिसमें 1000 से अधिक महिलाएं “संभावित लखपति दीदी” से प्रमाणित लखपति दीदी के रूप में परिवर्तित हुईं।
महिला उद्यमिता की प्रेरणादायक कहानियां
लखपति दीदी योजना के तहत ओडिशा की महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रही हैं। हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि आधारित उत्पाद, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, मिलेट्स उत्पाद, टेराकोटा शिल्प, स्वर्ण घास और जैविक उत्पाद महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक बन चुके हैं।
इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण कलााहंडी जिले के म. रामपुर ब्लॉक के पांडकमल स्थित “मां वैष्णो देवी उत्पादक समूह” है। 20 समर्पित महिलाओं के इस समूह ने 26 स्वयं सहायता समूहों की 120 महिलाओं को रोजगार देकर एक सफल उद्यम स्थापित किया है। इनका वस्त्र निर्माण व्यवसाय, जिसमें यूनिफॉर्म, परिधान, बच्चों के कपड़े और संबलपुरी साड़ियां शामिल हैं, ने पिछले वर्ष 78 लाख का कारोबार किया।
सुभद्रा शक्ति मेला 2025 के दौरान, “मां वैष्णो देवी उत्पादक समूह” ने 6 लाख से अधिक की बिक्री की। उनके उत्पाद अब ओडिशा से बाहर कोलकाता, झारखंड, बिहार और अन्य राज्यों के थोक बाजारों तक पहुंच चुके हैं। सूरत, रायपुर, लुधियाना, तमिलनाडु और कोयंबटूर से कपड़े मंगाकर इस समूह ने अपने व्यवसाय का विस्तार किया है, जिससे इनके व्यापारिक मॉडल को और मजबूती मिली है।
महिलाओं को वैश्विक बाजारों से जोड़ने की पहल
राज्य सरकार लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं के आर्थिक उन्नयन के लिए व्यापक बाज़ार कनेक्टिविटी रणनीति पर कार्य कर रही है। अब डिजिटल प्लेटफॉर्म, ई-कॉमर्स और अंतरराष्ट्रीय निर्यात से जोड़ने की योजनाएं बन रही हैं।
सरकार और विभिन्न निर्यात एजेंसियों के सहयोग से महिलाओं को आईएसओ, ऑर्गेनिक और फेयर ट्रेड सर्टिफिकेशन दिलाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। साथ ही डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया प्रचार के जरिए महिला उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
ओडिशा का लक्ष्य देश में नंबर 1 बनना
अब तक ओडिशा में 9.36 लाख महिलाएं “लखपति दीदी” बन चुकी हैं, जिसमें कई आकांक्षी और जनजातीय जिले भी शामिल हैं। इस दिशा में ओडिशा की सरकार महाराष्ट्र को पीछे छोड़ने की तैयारी में है, जिससे यह योजना महिला सशक्तिकरण के राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभर रही है।
लखपति दीदी योजना महज एक आर्थिक पहल नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में बढ़ता कदम है। हर सशक्त महिला के साथ, ओडिशा एक समावेशी, न्यायसंगत और समृद्ध समाज के निर्माण की ओर अग्रसर हो रहा है।