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ओएमडीसी कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल हस्तक्षेप की अपील की
भुवनेश्वर। केंदुझर सांसद अनंत नायक ने आज नई दिल्ली में इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की और ओडिशा खनिज विकास कंपनी (ओएमडीसी) के कर्मचारियों की गंभीर समस्याओं के समाधान के लिए एक ज्ञापन सौंपा। यह कंपनी राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) की सहायक कंपनी है।
अपने ज्ञापन में नायक ने ओएमडीसी कर्मचारियों, विशेषकर जनजातीय समुदाय से संबंधित कर्मचारियों की गंभीर वित्तीय समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया, जो पिछले 7-8 महीनों से वेतन न मिलने के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। वेतन में देरी के कारण कर्मचारियों ने लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और दो महीने लंबी हड़ताल की है। इस कारण इस मामले में इस्पात मंत्रालय के हस्तक्षेप की आवश्यकता और भी बढ़ गई है।
उन्होंने अपने ज्ञापन में कहा है यह कंपनी 1918 में स्थापित हुई थी। भारत के खनन क्षेत्र की सबसे पुरानी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में से एक है। यह 2011 में (आरआईएनएल) की सहायक कंपनी बन गई और ओडिशा के क्योंझर जिले में छह लौह अयस्क और मैंगनीज खानों का संचालन करती है। हालांकि, विभिन्न ऑपरेशनल और नियामक समस्याओं के कारण इन खानों का संचालन काफी समय से ठप पड़ा हुआ है। जबकि भद्रासाही लौह अयस्क खदान 2024 में पुनः संचालन में आई है और बेलकुंडी लौह अयस्क और मैंगनीज खदानें अगले दो महीनों में शुरू होने की उम्मीद है, कर्मचारियों को अभी भी लंबित वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।
इसके अतिरिक्त, ठाकुरानी, केंदुझर में स्थित स्पॉन्ज प्लांट 2013 से नान आपरेशनल है, जिससे कंपनी और उसके कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति और भी खराब हो गई है।
नायक ने मंत्री से कर्मचारियों के लंबित वेतन का तत्काल भुगतान सुनिश्चित करने की अपील की और ओएमडीसी के खानों और स्पॉन्ज प्लांट के संचालन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया। इसके साथ ही, उन्होंने प्रभावित कर्मचारियों के लिए राहत उपायों की भी मांग की ताकि उनकी वित्तीय कठिनाइयों को कम किया जा सके।
सांसद ने इस स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि कर्मचारियों के बीच चल रहे असंतोष के कारण यह मामला अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मंत्री इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करेंगे और कर्मचारियों को राहत प्रदान करेंगे।