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चारबटिया में बनने की संभावना तेज
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भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब ने केंद्र सरकार से इस एयरस्ट्रिप को सिविल एयरपोर्ट में तब्दील करने की अपील की
भुवनेश्वर। कटक में चारबटिया स्थित द्वितीय विश्व युद्ध कालीन हवाई पट्टी को नागरिक हवाई अड्डे में बदलने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। स्थानीय भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब ने मंगलवार को केंद्र सरकार से इस एयरस्ट्रिप को सिविल एयरपोर्ट में तब्दील करने की अपील की।
चारबटिया एयरपोर्ट कटक से 12 किमी उत्तर में चौद्वार के पास स्थित है। इसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना ने बनाया था और बाद में भारतीय वायुसेना ने उपयोग किया। वर्तमान में इसे एविएशन रिसर्च सेंटर (एआरसी) रक्षा निगरानी उद्देश्यों के लिए संचालित करता है।
यह एयरपोर्ट 4.9 किमी लंबी रनवे के साथ आता है, जो भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोगुना बड़ा है। इसकी रणनीतिक स्थिति इसे औद्योगिक और व्यावसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है, खासकर पारादीप बंदरगाह, कलिंगनगर के स्टील प्लांट और नाल्को टाउनशिप के पास होने के कारण।
हालांकि, इसकी रक्षा उपयोगिता और बीपीआईए से केवल 33 किमी की दूरी होने के चलते इसे नागरिक उड्डयन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सका है।
सांसद महताब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चारबटिया एयरपोर्ट की व्यावसायिक क्षमता को रेखांकित किया है। उन्होंने भुवनेश्वर एयरपोर्ट के बढ़ते बोझ और नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को ध्यान में रखते हुए इसे एक आवश्यक विकल्प बताया।
इससे पहले, बारबाटी-कटक की विधायक सोफिया फिरदौस ने चारबटिया के 260 एकड़ सरकारी भूमि पर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बनाने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि यह एयरपोर्ट क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देगा, साथ ही कटक-चौद्वार के बीच एक नया पुल जैसी बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को गति देगा।
चुनौतियां क्या हैं?
– रक्षा मंत्रालय और एआरसी से हवाई पट्टी को नागरिक उपयोग के लिए अनुमति लेना।
– आधुनिकीकरण के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन जुटाना।
– भुवनेश्वर और पुरी के प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के बीच इस एयरपोर्ट की व्यवहारिकता साबित करना।