भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने 2017 से पहले निर्मित अपार्टमेंट्स के पंजीकरण से जुड़े मामले में जवाब दाखिल करने के लिए ओडिशा हाईकोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है। इस मुद्दे पर बुधवार को सुनवाई हुई, जिसमें सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए और समय की मांग की।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर 2017 से पहले बने अपार्टमेंट्स के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी थी। इस कदम का उद्देश्य संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और इन अपार्टमेंट्स को कानूनी मान्यता देना था। लेकिन कुछ पक्षों ने इस अधिसूचना को अदालत में चुनौती दी, यह दावा करते हुए कि यह शहरी नियोजन और कानूनी मानकों का उल्लंघन कर सकती है।
ओडिशा हाईकोर्ट ने सरकार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह निर्धारित की है। तब तक, इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में जारी अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा, जिससे विवादित अधिसूचना के तहत अपार्टमेंट्स का पंजीकरण फिलहाल नहीं हो सकेगा।
क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?
अगर हाईकोर्ट सरकार की अधिसूचना को मंजूरी देता है, तो हजारों घर खरीदारों और बिल्डरों को अपने अपार्टमेंट्स का बिना किसी परेशानी के रजिस्ट्रेशन कराने का लाभ मिलेगा। लेकिन अगर यह अधिसूचना रद्द होती है, तो इससे कानूनी जटिलताएं और वित्तीय नुकसान की आशंका बढ़ सकती है।
आगे क्या होगा?
अब सभी की निगाहें अगले सप्ताह होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि ओडिशा में प्री-रेरा अपार्टमेंट्स के पंजीकरण का भविष्य क्या होगा।