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तीन दिनों से भारत का सबसे गर्म स्थान बना हुआ है बौध
भुवनेश्वर। ओडिशा इस समय भीषण लू की चपेट में है, जहां कई जिलों में देश के सबसे अधिक तापमान दर्ज किए जा रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कई क्षेत्रों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और लोगों से अत्यधिक गर्मी से बचाव के लिए सावधानी बरतने की अपील की है।
बौध लगातार तीन दिनों से भारत का सबसे गर्म स्थान बना हुआ है, जहां तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। वहीं, झारसुगुड़ा, बलांगीर और अनुगूल सहित कई जिलों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है।
आईएमडी ने झारसुगुड़ा, संबलपुर, कलाहांडी, सोनपुर और बौध जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि अनुगूल, बलांगीर और सुंदरगढ़ के लिए ऑरेंज अलर्ट लागू किया गया है।
भीषण गर्मी से स्वास्थ्य पर खतरा
अत्यधिक गर्मी के कारण हीट एक्सहॉशन (चक्कर आना, मतली), हीटस्ट्रोक (यदि समय पर इलाज न मिले तो घातक हो सकता है), डिहाइड्रेशन और मांसपेशियों में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और हृदय व फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोग इस लू से अधिक प्रभावित हो सकते हैं। गर्मी के कारण मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी पुरानी बीमारियां भी बढ़ सकती हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है।
इसके अलावा, त्वचा से संबंधित समस्याएं जैसे सनबर्न और रैशेज आम हो जाते हैं, वहीं मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन भी बढ़ सकता है।
बचाव के लिए क्या करें:
पानी पिएं – खूब पानी, नारियल पानी और ओआरएस का सेवन करें।
हल्के कपड़े पहनें – ढीले, हल्के और सूती कपड़े पहनें, टोपी या छाता का उपयोग करें।
सनस्क्रीन लगाएं – त्वचा को धूप से बचाने के लिए उच्च एसपीएफ सनस्क्रीन का प्रयोग करें।
दोपहर में बाहर न निकलें – सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचें।
पर्यावरण ठंडा रखें – पंखे, कूलर का इस्तेमाल करें और खिड़कियों पर पर्दे लगाकर गर्मी रोकें।
हल्का भोजन करें – तरबूज, खीरा जैसे जलयुक्त फल खाएं।
कमजोर लोगों का ध्यान रखें – बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों को हाइड्रेटेड और ठंडा रखें।
सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें – आईएमडी और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों को ध्यान में रखें।
क्या न करें:
सीधी धूप में न जाएं – विशेष रूप से दोपहर के समय अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें।
शारीरिक श्रम न करें – अत्यधिक गर्मी में कड़ी मेहनत या व्यायाम से बचें।
लक्षणों को न करें नजरअंदाज – चक्कर, मतली या अत्यधिक पसीना आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डिहाइड्रेटिंग पेय से बचें – शराब, कैफीन और अधिक मीठे पेय पदार्थों का सेवन न करें।
बंद वाहन में किसी को न छोड़ें – पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को छोड़ना घातक हो सकता है।
अधिक गर्मी उत्पन्न करने वाले उपकरणों का सीमित उपयोग करें – घर में चूल्हे और ओवन का कम से कम इस्तेमाल करें।