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मुआवजा पैकेज घोषित
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार पुरी के ब्रह्मगिरि तहसील के सिपासारुबली और संधापुर क्षेत्रों में प्रस्तावित श्री जगन्नाथ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए 221 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने जा रही है। यह हवाई अड्डा 1,164 एकड़ भूमि में विकसित किया जाएगा, जो राज्य की एविएशन कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा।
पुरी उप-जिलाधिकारी (सब-कलेक्टर) राजकिशोर जेना ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर भूमि अधिग्रहण के संबंध में जनसुनवाई की तिथियों की घोषणा की। इन जनसुनवाई सत्रों में प्रभावित लोगों की चिंताओं को सुना जाएगा और उन्हें भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया व मुआवजा पैकेज की जानकारी दी जाएगी।
जनसुनवाई की तिथियां तय
– सिपासारुबली गांव – 21 मार्च को गांव के मैदान में
– संधापुर गांव – 28 मार्च को कल्याण मंडप में
व्यापक मुआवजा पैकेज
प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए सरकार ने कई वित्तीय सहायता योजनाएं निर्धारित की हैं। यह पैकेज 2013 के भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता कानून के तहत दिया जाएगा।
पुनर्स्थापन के लिए उचित मुआवजा
- विस्थापन भत्ता– प्रति परिवार 5 लाख
- आवास सहायता– नया घर बनाने के लिए 3.39 लाख
- स्थानांतरण सहायता– गृहस्थी का सामान शिफ्ट करने के लिए 1.13 लाख
- रोजगार सहायता– एक साल तक जीविका चलाने के लिए 54,300
- व्यापार पुनर्वास सहायता– दुकान स्थापित करने के लिए 25,000
पर्यावरणीय स्वीकृति और मूल्यांकन
परियोजना के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 25 एकड़ वन भूमि को एयरपोर्ट के उपयोग के लिए मंजूरी दी है। इसके अलावा, सामाजिक-आर्थिक प्रभाव मूल्यांकन (एसईआईए) किया गया है ताकि स्थानीय समुदाय पर इस परियोजना के प्रभाव का आकलन किया जा सके।
5,631 करोड़ की अनुमानित लागत
पुरी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विचार 2021 में आया, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका प्रस्ताव दिया। अक्टूबर 2023 में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस परियोजना को साइट क्लीयरेंस दी। यह एयरपोर्ट तीन चरणों में 5,631 करोड़ की अनुमानित लागत से विकसित किया जाएगा। कई प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां—फेयरफैक्स ग्रुप, अदाणी ग्रुप और जीएमआर ग्रुप—इस परियोजना को विकसित करने में रुचि दिखा चुकी हैं। पुरी हवाई अड्डे का निर्माण पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा देगा और पुरी को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा।