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चिलिका दूसरे स्थान पर
भुवनेश्वर। ओडिशा में डॉल्फिन की संख्या 710 पहुंच गई है। राज्य वन्यजीव मुख्यालय द्वारा जारी नवीनतम जनगणना रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। राज्य के विभिन्न जल क्षेत्रों में जनवरी से शुरू हुई इस जनगणना के तहत डॉल्फिन की संख्या और उनकी प्रजातियों का आकलन किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, राजनगर वन प्रभाग में सबसे अधिक 505 डॉल्फिन दर्ज की गईं, जबकि चिलिका झील में 174 डॉल्फिन पाई गईं। अन्य इलाकों में ब्रह्मपुर (13), पुरी (7), बालेश्वर (7) और भद्रक (4) में डॉल्फिन की उपस्थिति दर्ज की गई।
प्रजातियों के आधार पर संख्या
हंपबैक डॉल्फिन की संख्या सबसे अधिक 498 है, इसके बाद इरावडी (188), बॉटलनोज (16), और स्पिनर डॉल्फिन (8) दर्ज की गईं।
संरक्षण के प्रयास और सर्वेक्षण विधि
इस जनगणना में 27 टीमें शामिल थीं, जिन्होंने जीपीएस, दूरबीन और हाइड्रोफोन उपकरणों का उपयोग किया। चिलिका में लाइन ट्रांसेक्ट विधि अपनाई गई, जिसमें नावें धीरे-धीरे समानांतर दिशा में चलाकर डॉल्फिन की गणना की गई। भितरकनिका क्षेत्र में तीन दिवसीय सर्वेक्षण के दौरान 5 वन रेंज में 9 टीमों ने काम किया।
संरक्षण के लिए सरकार गंभीर
राज्य के वन एवं पर्यावरण विभाग ने 2015 से हर साल डॉल्फिन जनगणना शुरू की थी। इस वर्ष उन्नत तकनीकों और अनुकूल मौसम की मदद से सर्वेक्षण अधिक सटीक हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि यह डेटा डॉल्फिन संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने के लिए बेहद अहम होगा।