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सत्ता पक्ष और विपक्ष दलों के विधायक के बीच हुई भिड़ंत
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लगातार दूसरे दिन विपक्षी बीजद और कांग्रेस विधायक का हंगामा
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जय नारायण मिश्र के बयान का विरोध कर रहे थे बीजद विधायक
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आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस विधायक ने किया हंगामा
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रिपोर्टर टेबल पर चढ़े विपक्षी विधायक
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में आज सत्तापक्ष और विपक्षी दलों के विधायकों के बीच धक्का-मुक्की से अभूतपूर्व स्थिति देखने को मिली। विधानसभा में आज मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र और कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद वाहिनीपति के बीच तीखी बहस हुई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई। विवाद तब बढ़ा जब जयनारायण मिश्र शहरी विकास मंत्री केसी महापात्र के उत्तर देने के दौरान तारा प्रसाद वाहिनीपति की ओर तेजी से बढ़े। वाहिनीपति ने आरोप लगाया कि मिश्र ने मेरी शर्ट की कॉलर पकड़ ली और मुझे धक्का दिया। कांग्रेस विधायक ने कहा कि वह हाथ जोड़कर मंत्री महापात्र से अनुरोध कर रहे थे कि जब सदन में शांति न हो तो उत्तर न दें। इसके बाद भाजपा और कांग्रेस के अन्य सदस्य भी भिड़ गए, जिससे सदन में अफरा-तफरी मच गई। विधानसभा अध्यक्ष पाधी को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
दूसरे दिन भी हंगामा
सोमवार के बाद मंगलवार को भी विपक्षी बीजद और कांग्रेस दल के विधायकों के बीच विभिन्न मुद्दों पर हंगामा और नाराबाजी देखने को मिली। नारेबाजी और हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने प्रश्नकाल का कार्यक्रम जारी रखा। कांग्रेस विधायक प्रश्न का उत्तर दे रहे मंत्री शहरी विकास मंत्री डा कृष्णचंद्र महापात्र से उत्तर देने से रोकने की कोशिश कर रहे थे। इसके चलते कांग्रेस और सत्तारुढ विधायकों के बीच धक्का-मुक्की जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस अप्रत्याशित स्थिति के कारण अध्यक्ष ने 11.03 मिनट से 12.30 बजे तक कार्यवाही को स्थगित कर दिया। इसके बाद भी विपक्षी विधायक हंगामा करते रहे।
पोडियम के सामने नारेबाजी और हंगामा
आज भी सोमवार की तरह विपक्षी बीजद और कांग्रेस दल के विधायक सुबह 10.30 मिनट से पहले अध्यक्ष के पोडियम के सामने पहुंचकर नारेबाजी और हंगामा कर रहे थे। उनके हाथों में प्लेकार्ड थे। भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र के बयान का विरोध करते हुए बीजद विधायक हाथ में प्लेकार्ड लेकर बीच में पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। उन पर विभाजनकारी शक्तियों से सावधान रहने जैसे कई नारे लिखे हुए प्लेकार्ड थे। इसी तरह राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक हाथ में प्लेकार्ड लेकर बीच में पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। मुख्यमंत्री से उनके जिले की आदिवासी महिलाओं को सुरक्षा देने की बात वाले नारे लिखे हुए प्लेकार्ड कांग्रेस विधायक अपने हाथों में लिये हुए थे।
वाहिनीपति ने की कई बार पोडियम पर चढ़ने की कोशिश
आज भी कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति बार-बार अध्यक्ष के पोडियम पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे और सुरक्षा कर्मी उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे। अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी बार-बार विपक्षी विधायकों से अपनी-अपनी सीट पर जाने और सदन के कार्य में सहयोग करने का निवेदन कर रही थीं। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा।
हंगामे में सुनाई नहीं दे रहा था बयान
भाजपा विधायकों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर मंत्री दे रहे थे और पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए जा रहे थे। हालांकि हंगामे के कारण मंत्री का उत्तर प्रेस गैलरी में स्पष्ट रूप से नहीं सुनाई दे रहा था।
वाहिनीपति ने रिपोर्टरों के ईयरफोन जबरदस्ती खोला
अध्यक्ष के पोडियम पर चढ़ने की कोशिश करने के बाद विफल होने पर विपक्षी विधायक रिपोर्टर टेबल पर चढ़ गए। रिपोर्टर टेबिल पर चढने वाले विधायकों में बीजद व कांग्रेस दोनों पार्टियों के विधायक थे। कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति रिपोर्टरों के ईयरफोन को जोर-जबरदस्ती खोलते हुए नजर आए।
मंत्री को उत्तर देने से रोकने की कोशिश
सभी के बीच हंगामे के बावजूद अध्यक्ष पाढ़ी प्रश्नकाल जारी रखी हुई थीं। कांग्रेस विधायक अंततः प्रश्न का उत्तर देने वाले गृह निर्माण और नगरीय विकास मंत्री डॉ कृष्णचंद्र महापात्र से जाकर उन्हें उत्तर देने से रोकने की कोशिश कर रहे थे। यह देखकर शासक दल के विधायक भी वहां पहुंचे। इसके परिणामस्वरूप धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसके बाद अध्यक्ष ने 12.10 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की। 12.10 बजे फिर से जब कार्यवाही शुरू हुई, तो कांग्रेस विधायक फिर से हंगामा करने लगे। इस कारण उपाध्यक्ष भवानी शंकर भुई दो बार दस-दस मिनट के लिए कार्यवाही को स्थगित करने की घोषणा करने को मजबूर हुए। 12.30 बजे कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्षी बीजद और कांग्रेस के विधायक फिर से उसी मुद्दे पर हंगामा करते हुए बीच में पहुंच गए। अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने दोनों दलों के विधायकों से फिर से सदन के कार्य में सहयोग करने का निवेदन किया, लेकिन वे अपना हंगामा जारी रखे हुए थे।
अव्यवस्था पैदा करने वाले विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
अध्यक्ष ने एक-एक करके शासक दल के विधायकों को बुलाकर उन्हें हंगामा नहीं करने का अनुरोध किया। इराशिष आचार्य, अशोक मोहंती, संजली मुर्मू, दुर्गाप्रसन्न नायक, भास्कर मढ़ेई, ओम प्रकाश मिश्र और अन्य विधायक ने अध्यक्ष से सदन में अव्यवस्था पैदा करने वाले विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। हंगामे के कारण अध्यक्ष ने 4 बजे तक कार्यवाही को स्थगित करने की घोषणा की।
बीजद-कांग्रेस की मांग
– बीजद विधायक मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से जय नारायण मिश्र के कोशला क्षेत्र के विलय को ऐतिहासिक गलती बताने वाले बयान पर स्पष्टीकरण की मांग कर रहे थे।
– कांग्रेस विधायक राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर आक्रोशित थे।
– मुख्यमंत्री के दो दिन से सदन में न आने पर बीजद विधायकों ने ‘लालटेन लेकर’ विधानसभा परिसर में उनकी प्रतीकात्मक तलाश की और उनके कक्ष के सामने धरना दिया।
लगातार दो दिन से हंगामा
यह लगातार दूसरा दिन था जब ओडिशा विधानसभा में हंगामा हुआ। विपक्ष के विरोध के बीच प्रश्नकाल केवल 30 मिनट ही चल सका।