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संयुक्त रूप से राज्य की जनता से माफी की मांग
भुवनेश्वर। भाजपा नेता और संबलपुर विधायक जय नारायण मिश्र के ओडिशा के साथ विलय हमारी गलती थी बयान को लेकर ओडिशा की राजनीति गरमा गई है। खासकर विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने इस बयान को लेकर भाजपा पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। बीजद और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से मांग की है कि भाजपा मिश्र के इस बयान पर सफाई दे और राज्य की जनता से माफी मांगे।
कांग्रेस ने भाजपा की विचारधारा पर उठाए सवाल
कांग्रेस ने मिश्र के बयान की कड़ी निंदा करते हुए भाजपा की “ओडिशा की संप्रभुता” पर स्थिति को स्पष्ट करने की मांग की है। कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कडाम ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि जो पार्टी ओडिशा में क्षेत्रीय पहचान की बात कर सत्ता में आई, वही अब राज्य के अस्तित्व पर सवाल उठा रही है। क्या भाजपा ओडिशा की संप्रभुता को खत्म करना चाहती है? उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने ओड़िया अस्मिता के नाम पर सत्ता हासिल की, लेकिन अब उसकी दोहरे इंजन की सरकार राज्य को विभाजित करना चाहती है। यह किसी भी सूरत में होने नहीं दिया जाएगा।
बीजद ने बयान को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया
बीजू जनता दल (बीजद) ने भी मिश्र के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजद नेता प्रताप देव ने इसे ओडिशा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान पर प्रहार करार देते हुए कहा कि भाजपा एक ओर ओड़िया अस्मिता की बात करती है और दूसरी ओर महत्वपूर्ण घटनाओं की तारीखों में बदलाव कर रही है। आखिर भाजपा करना क्या चाहती है?
भाजपा ने किया बचाव
वहीं, भाजपा ने बचाव करते हुए इसे “बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की साजिश” बताया है। पार्टी के नेताओं ने कहा कि मिश्र का बयान ऐतिहासिक संदर्भ में था और विपक्ष इसे गलत तरीके से प्रचारित कर रहा है।