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ओडिशा सरकार ने बदली पंचायती राज दिवस की तिथि

  • अब 24 अप्रैल को होगा आयोजन

  • प्रदेश में राजनीति गरमाई, बीजद ने भाजपा पर साधा निशाना

  • मार्च 5 को केवल मनेगी बीजू पटनायक जयंती

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने पंचायती राज दिवस की तिथि में बदलाव करते हुए इसे राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अनुरूप 24 अप्रैल को मनाने का निर्णय लिया है। इससे पहले यह दिवस राज्य में 5 मार्च को मनाया जाता था। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह बदलाव राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उत्सवों में एकरूपता लाने के लिए किया गया है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने स्पष्ट किया कि अब 5 मार्च को केवल ओडिशा के प्रतिष्ठित नेता बीजू पटनायक की जयंती के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन को अब सार्वजनिक अवकाश के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी। वहीं, पंचायती राज दिवस और लोक सेवा दिवस को अब 24 अप्रैल को मनाया जाएगा, ताकि यह राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के साथ मेल खाए।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस और पुरस्कार
गौरतलब है कि हर साल 24 अप्रैल को पूरे देश में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर उत्कृष्ट पंचायत प्रतिनिधियों और संस्थाओं को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय ग्राम सभा पुरस्कार, महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना पुरस्कार समेत कई सम्मान प्रदान किए जाते हैं।
पंचायती राज व्यवस्था का महत्व
भारत की लगभग 68 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ग्रामीण विकास और लोकतांत्रिक भागीदारी को सशक्त बनाने के लिए पंचायती राज व्यवस्था एक महत्वपूर्ण पहल है। 1993 में 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत इस व्यवस्था की स्थापना की गई थी और तब से 24 अप्रैल को हर साल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है।
ओडिशा सरकार के इस निर्णय से राज्य और केंद्र स्तर पर पंचायती राज से जुड़े कार्यक्रमों और योजनाओं के बीच बेहतर तालमेल बनेगा और विकास कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी।
बीजद ने सरकार पर साधा निशाना
ओडिशा सरकार द्वारा पंचायती राज दिवस को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की जयंती 5 मार्च से बदलकर 24 अप्रैल को मनाने के निर्णय ने विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल ने भारतीय जनता पार्टी सरकार पर तीखा हमला बोला है।
नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली क्षेत्रीय पार्टी ने राज्य सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। बीजद के वरिष्ठ नेता और 8 बार के विधायक रणेंद्र प्रताप स्वाईं ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार यह भूल गई कि केंद्र सरकार द्वारा पंचायती राज दिवस मनाने से पहले ओडिशा इसे मना रहा था। स्वाईं ने कहा कि ओडिशा पिछले तीन दशकों से इस दिन को मना रहा है और राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2020 के बाद से यह दिन मनाया नहीं गया। उन्होंने इसे “तथ्यात्मक रूप से गलत” बताते हुए इसे “छोटी राजनीतिक चाल” और वर्तमान सरकार की पहचान संकट का परिणाम बताया।
बीजद समन्वय समिति के अध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्र ने इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि ओडिशा पिछले 30 सालों से 5 मार्च को पंचायती राज दिवस मना रहा था। उन्होंने 24 अप्रैल को तिथि बदलने के फैसले को बीजेपी सरकार की संकुचित मानसिकता का परिणाम बताया।
5 मार्च को खुले रहेंगे सभी स्कूल
ओडिशा सरकार द्वारा बीजू पटनायक की जयंती को पंचायती राज दिवस से अलग करने और 5 मार्च को राज्य में अवकाश नहीं मनाने की घोषणा के एक दिन बाद स्कूल और जनशिक्षा विभाग ने बुधवार को सभी स्कूलों को खुले रहने का निर्देश देते हुए एक अधिसूचना जारी की है।
स्कूल और जनशिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, राज्य के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल कल (5 मार्च) खुले रहेंगे।

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