पुरी. श्रीमंदिर परंपरा के साथ जुड़ा मंगला घाट नंद उत्सव स्थल जमीन को जिला प्रशासन की तरफ से अक्षय पात्र फाउंडेशन को हस्तांतरित किए जाने का विरोध शुरू हो गया है. हालही में स्थानीय यमुना स्नान व नंद उत्सव सुरक्षा समिति की तरफ से सचिव माधव दलाई व अन्य कार्यकर्ताओं के प्रत्यक्ष नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोगों ने प्रशासन का विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. तनाव को देखते हुए घटनास्थल पर एक टुकड़ी पुलिस बल तैनात करनी पड़ी थी. अक्षय पात्र फाउंडेशन के निर्माण कार्य को स्थानीय लोगों ने रोक दिया है. तनाव को देखते हुए फाउंडेशन की तरफ से भी निर्माण कार्य को रोका दिया गया है.
गौरतलब है नंद उत्सव मंगला घाट पर बड़ी धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाए जाता है. इसी दौरान पूरी के सभी जागा अखाड़ा से जुलूस निकल कर यहां पर मंगला नदी को यमुना नदी मानते हुए सब उत्सव मनाते हैं. मेला भी लगता है और पिछले हजारों वर्ष पुराने इतिहास के अनुसार, कुल 18 बार श्रीमंदिर पर हमला हुआ था. इसी दौरान मंगला घाट के माध्यम से भगवान जगन्नाथ जी को छिपाने के लिए नदी में सगड़ी व नाव बनाकर सोनपुर जिला ले जाया गया था और गंजाम के चिकिति में छुपाकर जगन्नाथ भगवान जी को रखा गया था. इस इतिहास को देखते हुए गजपति महाराज ने मंगला घाट में स्थित मंगला देवी को रोजाना श्रीमंदिर की तरफ से भगवान जगन्नाथ जी के फूल महाप्रसाद देते आ रहे हैं. इन बातों को नजरअंदाज करते हुए जिला प्रशासन ने अक्षय पात्र फाउंडेशन नामक एक निजी संस्था को जो कि विदेश से पैसा लाकर यहां अपना कार्य कर रही है, को यह जमीन प्रदान कर रही है. आरोप है कि उसी को देखकर परंपरा को नष्ट भ्रष्ट करने का प्रयास हो रहा है. स्थानीय लोगों का मानना है हम जान देंगे, लेकिन जमीन पर कुछ भी कार्य होने नहीं देंगे. परंपरा को बचाना हमारा जिम्मेदारी है यह जिम्मेदारी हम बखूबी निभाएंगे.