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ओडिशा सरकार ने आईआईटी मद्रास से मिलाया हाथ
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ट्रैफिक सुधार के लिए वैज्ञानिक अध्ययन
भुवनेश्वर। राजधानी स्थित जयदेव विहार चौक पर लगने वाले भारी ट्रैफिक जाम को दूर करने के लिए ओडिशा सरकार ने आईआईटी मद्रास के साथ साझेदारी की है। इस पहल के तहत वैज्ञानिक अध्ययन किया जाएगा, जिससे वाहनों के प्रवाह को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सके।
कमिश्नरेट पुलिस द्वारा सुझाए गए इस प्रस्ताव के तहत, आईआईटी मद्रास को राज्य का सड़क सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है। संस्थान जयदेव विहार चौक और उससे जुड़े फ्लाइओवर क्षेत्र में पायलट अध्ययन करेगा।
इस अध्ययन में निम्नलिखित बिंदुओं पर फोकस रहेगा
– पीक आवर्स (व्यस्त समय) में ट्रैफिक देरी का विश्लेषण
– पैदल यात्रियों की आवाजाही और वाहन प्रवाह की निगरानी
– सिग्नल टाइमिंग और सड़क लेन अनुशासन में सुधार के सुझाव
इस अध्ययन के आधार पर वाहनों के प्रतीक्षा समय को कम करने और ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए आवश्यक बदलावों की सिफारिश की जाएगी।
जयदेव विहार-नंदनकानन कॉरिडोर
ओडिशा सरकार पहले ही जयदेव विहार-नंदनकानन सड़क पर एक एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे चुकी है। इस परियोजना के तहत 4-लेन फ्लाइओवर बनाया जाएगा, जिसमें सर्विस रोड और ओवरहेड लेन के बीच सुगम ट्रांजिशन के लिए रणनीतिक निकास (एग्जिट) होंगे। यह नया फ्लाइओवर एनएच-16 के मौजूदा ओवरपास से जुड़ेगा, जिससे जयदेव विहार से नंदनकानन तक निर्बाध यातायात प्रवाह बना रहेगा। डमणा चौक और पटिया चौक जैसे प्रमुख जंक्शनों पर भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या को कम किया जाएगा।
2027-28 तक पूरा होगा फ्लाइओवर
ओडिशा के लोक निर्माण मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने फरवरी में मीडिया से बातचीत में कहा कि इस कॉरिडोर के बड़े हिस्से को 2027-28 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
योजना से क्या होगा फायदा?
– ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी
– यात्रा में लगने वाला समय घटेगा
– वाहनों की आवाजाही सुचारू होगी
– जयदेव विहार और आसपास के क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा बेहतर होगी
कमिश्नरेट पुलिस द्वारा सुझाए गए इस प्रस्ताव के तहत, आईआईटी मद्रास को राज्य का सड़क सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है। संस्थान जयदेव विहार चौक और उससे जुड़े फ्लाइओवर क्षेत्र में पायलट अध्ययन करेगा।
इस अध्ययन में निम्नलिखित बिंदुओं पर फोकस रहेगा
– पीक आवर्स (व्यस्त समय) में ट्रैफिक देरी का विश्लेषण
– पैदल यात्रियों की आवाजाही और वाहन प्रवाह की निगरानी
– सिग्नल टाइमिंग और सड़क लेन अनुशासन में सुधार के सुझाव
इस अध्ययन के आधार पर वाहनों के प्रतीक्षा समय को कम करने और ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए आवश्यक बदलावों की सिफारिश की जाएगी।
जयदेव विहार-नंदनकानन कॉरिडोर
ओडिशा सरकार पहले ही जयदेव विहार-नंदनकानन सड़क पर एक एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे चुकी है। इस परियोजना के तहत 4-लेन फ्लाइओवर बनाया जाएगा, जिसमें सर्विस रोड और ओवरहेड लेन के बीच सुगम ट्रांजिशन के लिए रणनीतिक निकास (एग्जिट) होंगे। यह नया फ्लाइओवर एनएच-16 के मौजूदा ओवरपास से जुड़ेगा, जिससे जयदेव विहार से नंदनकानन तक निर्बाध यातायात प्रवाह बना रहेगा। डमणा चौक और पटिया चौक जैसे प्रमुख जंक्शनों पर भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या को कम किया जाएगा।
2027-28 तक पूरा होगा फ्लाइओवर
ओडिशा के लोक निर्माण मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने फरवरी में मीडिया से बातचीत में कहा कि इस कॉरिडोर के बड़े हिस्से को 2027-28 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
योजना से क्या होगा फायदा?
– ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी
– यात्रा में लगने वाला समय घटेगा
– वाहनों की आवाजाही सुचारू होगी
– जयदेव विहार और आसपास के क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा बेहतर होगी