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महाप्रभु की रथयात्रा पर आशंका भी, आशा भी कायम

  • दइतापति नियोग प्रवक्ता ने पूछा-रथयात्रा पर निर्णय लेने से क्यों अटक गयी सरकार

  • बोले-22 जून के बाद की नीतियों को लेकर को निर्णय नहीं

  • श्रीमंदिर प्रशासन ने रथयात्रा निकालने को लेकर जतायी उम्मीद

  • सेवायतों को मास्क देने का फैसला

  • सेवायतों को दूसरी किश्त के दिये जायेंगे पांच हजार रुपये

प्रमोद कुमार प्रुष्टि, पुरी

पुरीधाम में महाप्रभु श्रीजगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर आशंका भी है और आशा भी कामय है. दइतापति नियोग ने आशंका जताते हुए आशा कायम रखने की बात कही है, जबकि श्रीमंदिर प्रशासक ने रथयात्रा निकाले जाने को लेकर आशान्वित हैं.
दइतापति नियोग के प्रवक्ता गणपति दास महापात्र ने कहा कि राज्य सरकार ने महाप्रभु की नीतियों को लेकर जो कुछ तय किया है, उसके हिसाब श्रीमंदिर में अब तक सभी नीतियां चल रही हैं. 22 जून तक सभी नीतियों को सरकार ने तय किया है. इस तिथि तक सबकुछ ठीक चलेगा, लेकिन 23 जून को रथयात्रा को लेकर कोई भी निर्णय नहीं हो पाया है. ना ही दइतापति नियोग ने कोई निर्णय लिया है और ना ही ओडिशा सरकार ने कोई निर्णय लिया है. बार मामला कोर्ट में पहुंच रहा है.

उन्होंने कहा कि रथयात्रा निकालने को लेकर कैसे क्या होगा, कुछ भी तय नहीं है. उन्होंने कहा कि चूंकि 23 जून को लेकर कुछ भी तय नहीं हुआ है, इसलिए रथयात्रा को लेकर आशंका कायम है, और आशंका भी कायम है. आशंका इस बात को लेकर है कि राज्य सरकार ने 22 जून तक के लिए महाप्रभु श्रीजगन्नाथ की सभी नीतियों को आयोजित करने को लेकर निर्णय ले चुकी है, लेकिन 23 जून को होने वाली रथयात्रा को लेकर लेकर वह क्यों नहीं कोई निर्णय ले पायी. राज्य सरकार रथयात्रा को लेकर क्यों अटक गयी, इसका जवाब नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि रथयात्रा निकाले जाने को लेकर आशा इस बात को लेकर अब तक सबकुछ ठीक-ठाक से चल रहा है. राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार, महाप्रभु की स्नान पूर्णिमा उत्सव भी आयोजित हुई. अन्य नीतियां भी चल रही हैं, लेकिन लोग बार-बार कोर्ट जा रहे हैं, ऐसे में आशंका भी हो रही है. उन्होंने उम्मीद है कि राज्य सरकार रथयात्रा निकाले जाने को लेकर भी सही निर्णय लेगी.


इधर, श्रीमंदिर प्रशासक किशन कुमार ने कहा कि रथयात्रा निकलने को लेकर तैयारियां चल रही हैं. उन्होंने कहा कि अभी श्रीमंदिर बंद है. ऐसी स्थिति में सेवायतों की आय प्रभावित हुई है. इसको लेकर पांच-पांच हजार देने का निर्णय लिया गया था. इसके तहत दूसरी किश्त के पांच हजार रुपये को अनुमोदित कर दिया जायेगा. पांच हजार रुपये को पहली किश्त प्रदान की जा चुकी है. उन्होंने सबको सही ढंग से स्नान पूर्णिमा आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि इस दौरान जितने सेवायत श्रीमंदिर में सेवा दे रहे हैं, उनके लिए मास्क प्रदान किया जायेगा. उन्होंने बताया कि श्रीमंदिर महाप्रभु की सभी नीतियां सही ढंग चल रही हैं. रथों का निर्माण भी जोरों पर जारी है. इसलिए हम आशा करते हैं कि रथयात्रा का अनुष्ठान जारी रहेगा.

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