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ओडिशा पर्यटन विभाग ने सुनाई बड़ी योजना
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अब पर्यटन मानचित्र पर जगह बनाने की दिशा में आगे बढ़ा
भुवनेश्वर। ओडिशा के ग्रैंड कैन्यन के रूप में विख्यात कान्हाकुंड अब पर्यटन मानचित्र पर जगह बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद यह स्थान चर्चा में आया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने इसकी विशेषताओं को उजागर करते हुए ओडिशा सरकार से इसे राष्ट्रीय और फिर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया।
दिल्ली के एक यात्री आर्यांश ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कान्हाकुंड की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने इसके नीले पानी और ग्रेनाइट चट्टानों की प्रशंसा करते हुए सवाल उठाया कि इतने सुंदर स्थान को भारत के पर्यटन मानचित्र में प्रमुखता क्यों नहीं दी गई है?
यह पोस्ट आनंद महिंद्रा तक पहुंची, जिन्होंने इसे साझा करते हुए लिखा कि इसकी तुलना ग्रैंड कैन्यन से करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह अपने आप में अद्वितीय है। उन्होंने ओडिशा पर्यटन विभाग को टैग करते हुए पूछा कि हम इसे पहले राष्ट्रीय और फिर वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने के लिए क्या कर सकते हैं?
ओडिशा पर्यटन विभाग का जवाब
इस चर्चा को सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने देखा और देशभर से लोगों ने ओडिशा सरकार से इस दिशा में कदम उठाने की अपील की। ओडिशा पर्यटन विभाग ने जवाब देते हुए कहा कि हम इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, सतत पर्यटन अनुभव बनाने और इस अनोखे गंतव्य को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने पर काम कर रहे हैं।
कान्हाकुंड का महत्व और संभावनाएं
संबलपुर और राउरकेला से लगभग 130 किलोमीटर दूर, सुंदरगढ़ जिले में इब नदी के किनारे स्थित कान्हाकुंड अपने प्राकृतिक शिलाचित्रों और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि यह पश्चिमी ओडिशा में लोकप्रिय है, लेकिन बाकी हिस्सों में इसे अब तक अधिक पहचान नहीं मिली है।
पर्यटन विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि कान्हाकुंड को सही ढंग से विकसित किया जाए, तो यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसके प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित रखने में भी सहायक होगा।