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मिट्टी के बर्तन बनाते दिखे दर्शक
भुवनेश्वर। जनता मैदान में आयोजित सुभद्रा शक्ति मेला 2025 का उत्साह चरम पर है। सातवें दिन मेले में हजारों की संख्या में दर्शक पहुंचे और स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादों को नजदीक से देखने, खरीदने और परखने का अवसर मिला। यहां न सिर्फ हस्तनिर्मित वस्त्र, पारंपरिक आदिवासी आभूषण और जैविक उत्पाद उपलब्ध हैं, बल्कि ओड़िशा के प्रामाणिक व्यंजनों की भी धूम है। विशेष रूप से मिलेट आधारित पारंपरिक ओड़िया व्यंजन लोगों को खूब भा रहे हैं।
सातवें दिन का मुख्य आकर्षण लाइव क्राफ्ट डेमोंस्ट्रेशन रहा, जहां कारीगरों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने पारंपरिक कौशल का प्रदर्शन किया। मिट्टी के बर्तन बनाना, लकड़ी की नक्काशी, पेपर माचे कला, गोल्डन ग्रास और साबई घास की कलाकृतियां, लाख के खिलौने बनाना जैसे कला रूपों को देखने का और खुद आजमाने का मौका मिला। खासकर मिट्टी के बर्तन बनाने की कला को सीखने के लिए दर्शकों में भारी उत्साह देखा गया।
शाम को सजी सांस्कृतिक संध्या
जैसे ही सूरज ढला, मंच पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रसिद्ध महारी नृत्यांगना रूपाश्री मिश्रा ने अपनी आकर्षक प्रस्तुति से ओड़िशा की इस पारंपरिक नृत्य शैली की भव्यता को दर्शाया। इसके बाद हास्य व्यंग्य कवि ज्ञान होता, दुर्गा महापात्र, सत्यनासिया और सर्वगिला ने अपनी चुटीली रचनाओं से दर्शकों को हंसी से लोटपोट कर दिया।
बिक्री का आंकड़ा 2.5 करोड़ रुपये पार
मेले में दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। सातवें दिन तक 2 लाख से अधिक लोगों की आमद दर्ज की गई, जबकि कुल बिक्री का आंकड़ा 2.5 करोड़ रुपये पार कर गया। अब केवल दो दिन शेष हैं, ऐसे में मेले का रोमांच अपने चरम पर पहुंच चुका है। यह मेला ओड़िशा की महिलाओं के उद्यमशीलता कौशल और समृद्ध हस्तकला की शानदार प्रदर्शनी बन चुका है। यदि आपने अभी तक इस मेले का हिस्सा नहीं बने हैं, तो जल्दी करें और इस अनोखे उत्सव में शामिल हों!