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महाकुंभ नहीं जाने वालों ने डॉ सुनीति मुंड के इस कार्य की सराहना की
भुवनेश्वर। महाकुंभ मेले के संगम तट से संग्रहित अमृत जल को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर के उत्तर द्वार और उसके आसपास आम श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया गया। करीब 20,000 बोतलें (30 मिलीलीटर प्रत्येक) वितरित की गईं। इस पवित्र संगम जल का वितरण डॉ सुनीति मुंड ने किया, जो लगातार समाज कल्याण के कार्यों में सक्रिय हैं।
डॉ मुंड हाल ही में प्रयागराज से कल्पवास कर लौटी हैं। जल वितरण के दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे गंगा से भक्ति, यमुना से कर्म और सरस्वती से ज्ञान ग्रहण करें। संगम में आस्था और विश्वास का अनुभव लेने के बाद वे एक बार फिर जनसेवा के कार्य में जुट गई हैं।
प्रयागराज यात्रा से पहले जुटायी थीं घी
प्रयागराज जाने से पहले सुनीति मुंड ने भुवनेश्वर के विभिन्न वार्डों में जाकर घर-घर से घी एकत्र किया था। इस घी का उपयोग उन्होंने मां गंगा की आरती करने और महाकुंभ के यज्ञकुंड में ओडिशावासियों की मंगलकामना के लिए आहुति देने में किया। उन्होंने यह भी बताया कि कल्पवास जैसी कठिन तपस्या को उन्होंने सहज भाव से स्वीकार किया और सनातन परंपरा को सम्मान दिया।
गहरी संतुष्टि और आनंद की अनुभूति हुई – मुंड
कल सुबह 8 बजे से लिंगराज मंदिर में जल वितरण के बाद डॉ मुंड ने विभिन्न वृद्धाश्रमों, अनाथालयों और दिव्यांग आश्रमों में भी अमृत जल वितरित किया। उन्होंने कहा कि इस सेवा कार्य से उन्हें गहरी संतुष्टि और आनंद की अनुभूति हुई। उन्होंने कहा कि जो लोग संगम स्थल जाने की इच्छा रखते थे, लेकिन किसी कारणवश नहीं जा सके, उनके लिए वह अमृत जल लेकर आईं, ताकि वे अपने स्थान पर ही इस दिव्य जल का लाभ उठा सकें।
जनसाधारण से मिली सराहना
सुनीति मुंड के इस प्रयास को लोगों ने खूब सराहा और उनकी सेवा भावना की प्रशंसा की। जल वितरण के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे, जिन्होंने इस पहल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वे आगे भी इस तरह के धार्मिक और समाजसेवा कार्य जारी रखेंगी।