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पीबीडी और उत्कर्ष ओडिशा के दौरान भी हुईं थीं अव्यवस्थाएं
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विदेशी मेहमानों ने जाहिर की थी काफी नाराजगी
भुवनेश्वर। कटक बारबाटी स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान फ्लडलाइट अचानक बंद होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों की तैयारियों को लेकर एक चर्चा छिड़ गई है। कहा जा रहा है कि यह पहला मौका नहीं है, जब न सिर्फ राज्य की, अपितु देश की किरकिरी हुई है। इससे पहले 18वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह (पीबीडी) और उत्कर्ष ओडिशा: मेक-इन ओडिशा कॉन्क्लेव-2025 के दौरान भी बड़े पैमाने पर अव्यवस्थाएं हुईं थीं।
18वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के दौरान जिस अव्यवस्था ने विदेशी मेहमानों को सबसे अधिक परेशान किया था, वह थी खाने-पीने की अव्यवस्था। दुनियाभर से आये मेहमनों में कुछ लोगों ने इस अव्यवस्था को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि आयोजन स्थल पर सुबह के समय ही बुला दिया जाता था, लेकिन यहां सुबह में नास्ते की व्यवस्था नहीं होती थी और खाना दोपहर 3 बजे से शुरू होता था। इतना ही नहीं, जब खाना शुरू होता था, उस वक्त लोगों की भीड़ एक साथ उमड़ पड़ती थी। यह काफी परेशानी भरा होता था। उनका कहना है कि आयोजन में जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों को कम से कम इतना तो जरूर पता होना चाहिए 5 से 7 हजार लोगों के लिए खाने की व्यवस्था के लिए कम से कम कितनी बड़ी जगह और कितने काउंटर होने चाहिए थे।
एक मेहमान कहा कि आयोजन में जुटे अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि विदेशों में लोगों की दिनचर्या क्या होती है, क्योंकि उनके पास विदेशों के दौरों के अनुभव होते हैं।
इसी तरह से उत्कर्ष ओडिशा: मेक-इन ओडिशा कॉन्क्लेव-2025 के दौरान भी बड़े पैमाने पर अव्यवस्थाएं हुईं थीं। इस आयोजन में शामिल होने के लिए जितने पास जारी किये गये, उस संख्या के अनुसार न तो बैठने की व्यवस्था थी और ना ही खाने के लिए जगह की व्यवस्था। शर्म की बात यह रही कि एक दिन मीडिया पविलियन का खाना ही खत्म हो गया और खाने की व्यवस्था में लगे कर्मचारियों ने कहा कि जितने मीडिया कर्मियों के लिए खाने का ऑर्डर दिया गया था, उतने लोग खा चुके हैं और उन्होंने काउंटर को बंद कर दिया, जबकि सैकड़ों की संख्या में मीडियाकर्मियों ने खाना नहीं खाया था और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कमान संभाली। ठीक इसी दौरान मीडिया पविलियन के पीछे मेहमानों के लिए खाने के लिए की गई व्यवस्था में भी अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं। वहां तो गजब की स्थिति को गई थी, जिसका उल्लेख करना भी शर्म की बात है, लेकिन ऐसे आयोजनों में ऐसी अव्यवस्थाओं ने न सिर्फ राज्य को अपितु देश को शर्मशार किया, क्योंकि इन दोनों आयोजनों में देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की गरिमामयी उपस्थिति थी।
उल्लेखनीय है कि राज्य में भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनने के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों की संख्या बढ़ रही है।