भुवनेश्वर। ओडिशा में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) के नवीनीकरण के लिए वाहन मालिकों को अब अधिक शुल्क चुकाना पड़ सकता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक मसौदा प्रस्ताव के अनुसार, विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के लिए नवीनीकरण शुल्क में भारी वृद्धि का प्रावधान किया गया है। यह नियम दोपहिया से लेकर भारी वाहनों तक सभी पर लागू होगा।
मसौदा प्रस्ताव के अनुसार, 20 साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए नवीनीकरण शुल्क इस प्रकार होगा:
मोटरसाइकिल – 2,000 रुपये
तीन पहिया वाहन – 5,000 रुपये
कार – 10,000 रुपये
मध्यम यात्री बस और मालवाहक वाहन – 25,000 रुपये
भारी वाहन – 36,000 रुपये
इसके अलावा, 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए भी शुल्क में वृद्धि प्रस्तावित है, जिसमें भारी वाहनों के लिए 18,000 रुपये और छोटे वाहनों के लिए 12,000 रुपये शुल्क तय किया गया है।
ओडिशा में वर्तमान शुल्क
फिलहाल ओडिशा में पुराने दोपहिया वाहनों का नवीनीकरण शुल्क 1,000, तीन पहिया वाहनों के लिए 2,500 और कारों के लिए 3,000 रुपये है, जबकि सबसे अधिक आरसी नवीनीकरण शुल्क 6,000 रुपये तक जाता है।
दिल्ली में 15 साल पुराने वाहनों पर रोक
दिल्ली में प्रदूषण कम करने और यातायात प्रबंधन सुधारने के उद्देश्य से 15 साल पुराने वाहनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही स्क्रैपेज पॉलिसी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
बस मालिकों की नाराजगी
हालांकि सरकार के इस प्रस्ताव का कई वाहन मालिकों और परिवहन संघों ने विरोध किया है। कटक प्राइवेट बस ओनर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रवींद्र कुमार सिंह ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा है कहा कि अगर सरकार शुल्क में 30% तक की वृद्धि करती है, तो यह हमारे लिए आर्थिक बोझ बन जाएगा। निजी बस मालिक प्रतिस्पर्धी बाजार में टिक नहीं पाएंगे।
ग्रीन टैक्स भी लगेगा
नवीनीकरण शुल्क के अलावा, ग्रीन टैक्स भी लागू होगा, जिससे पुराने वाहनों को हटाने और नए वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। एक रोड सेफ्टी एक्सपर्ट के अनुसार,
सरकार इस शुल्क वृद्धि के जरिए पुराने वाहनों को सड़क से हटाना चाहती है, ताकि पर्यावरण और सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सके।
शुल्क को लेकर वाहन मालिकों में असमंजस
ओडिशा में पुराने वाहनों के आरसी नवीनीकरण पर बढ़े हुए शुल्क को लेकर वाहन मालिकों में असमंजस है। सरकार का उद्देश्य प्रदूषण कम करना और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है, लेकिन बढ़े हुए शुल्क का असर परिवहन व्यवसायों पर भी पड़ सकता है।