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धैर्य की परीक्षा ले रहा है ट्रेनों का सफर...

धैर्य की परीक्षा ले रहा है ट्रेनों का सफर…

  • भीख के नाम पर उगाही करने वालों का आतंक

  • भिखारियों के बदबूदार गंदे कपड़े और यात्रियों को छूने से बीमारी फैलने का खतरा

  • भुवनेश्वर-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस में खराब नास्ता बेचने वाले पर भड़के यात्री परेशान

भुवनेश्वर। ट्रेनों में यात्रा करना अब केवल सफर नहीं, बल्कि धैर्य की परीक्षा बन गया है। भीख मांगने वाले, किन्नर समुदाय के कुछ उगाही करने वाले और फर्श साफ करने के नाम पर जबरन पैसे मांगने वाले लोगों ने यात्रियों की नाक में दम कर रखा है। यात्रियों की जेब से पैसा वसूलना अब इनका पेशा बन चुका है, और रेलवे प्रशासन आंख मूंदकर तमाशा देख रहा है।
भुवनेश्वर-हावड़ा जनशताब्दी में यात्रियों का गुस्सा फूटा
आज भुवनेश्वर से हावड़ा जाने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस के डी-11 कोच में यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। कटक के बाद भिखारियों की टोली ने डिब्बे में आकर हाथ फैलाने शुरू कर दिए। गंदे कपड़े, दुर्गंध से भरा शरीर और हाथों में कटोरा—इनका यह दृश्य यात्रियों के लिए असहनीय था।  यात्रियों का गुस्सा इस बात पर और भड़क रहा कि  ये लोग गंदे हाथों से यात्रियों के बदन छूकर पैसे मांगते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बना रहता है।
एक यात्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हम टिकट खरीदकर ट्रेन में सफर करते हैं, लेकिन यह सफर चैन से पूरा नहीं कर सकते। क्या रेलवे सिर्फ पैसे कमाने में लगा है? सुरक्षा देने की जिम्मेदारी कब निभाएगा?
खाने-पीने के नाम पर ठगी
भीख मांगने वालों के अलावा, ट्रेनों में घटिया और अनियंत्रित खाद्य पदार्थों की बिक्री भी जोरों पर है। बिना किसी स्वच्छता मानकों की परवाह किए खुलेआम खाने-पीने का सामान बेचा जा रहा है। सवाल उठना लाजमी है कि क्या खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता जांची जाती है?
क्या बच्चों से भीख मंगवाने का चल रहा गंदा खेल ?
ट्रेनों में छोटे-छोटे बच्चे भी भीख मांगते नजर आते हैं। सरकार बच्चों के लिए तमाम योजनाएं चलाने का दावा करती है, लेकिन इन बच्चों का ट्रेन में घूमना और भीख मांगना सरकार की नाकामी को उजागर करता है। आखिर रेलवे पुलिस और सुरक्षाकर्मी इन बच्चों को क्यों नहीं रोकते? क्या यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा नहीं हो सकता?
क्या मिलीभगत है?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि ये लोग ट्रेनों में प्रवेश कैसे करते हैं? प्लेटफॉर्म पर इतनी कड़ी सुरक्षा होने के बावजूद ये हर स्टेशन पर आसानी से कैसे चढ़ जाते हैं?
1. क्या टीटीई और सुरक्षाकर्मी इनसे पैसे लेकर आंखें मूंद लेते हैं?
2. अगर रेलवे प्रशासन की मिलीभगत नहीं है, तो इन्हें ट्रेन में घुसने क्यों दिया जाता है?
3. जब यात्रियों के पास टिकट नहीं होता तो जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन इन भिखारियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती?
यात्रियों की मांग – कड़ा एक्शन लिया जाए
यात्रियों का कहना है कि रेलवे को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए।
  • हर स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ने से पहले टिकट चेकिंग होनी चाहिए।
  • भीख मांगने, उगाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।
  • टीटीई और रेलवे पुलिस की जवाबदेही तय की जाए कि ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं।
  • यदि सुरक्षाकर्मी और टीटी इस पर ध्यान नहीं देते, तो उन्हें निलंबित किया जाए, क्योंकि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा रेलवे की प्राथमिक जिम्मेदारी है, लेकिन आज ऐसा होता नहीं दिख रहा। ट्रेनों में सफर करने वाले लोग लगातार परेशान हैं और रेलवे प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

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