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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम का किया शुभारंभ
फूलवाणी : देशभर में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए वार्षिक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान का शुभारंभ फूलबाणी से किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गांधी स्मृति भवन, फूलबाणी में ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग उपस्थित रहे।
मंत्री महालिंग ने स्वयं एंटी-फाइलेरिया दवा का सेवन किया और बच्चों को भी दवा खिलाकर अभियान की शुरुआत की। उन्होंने दो वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों से इस दवा का सेवन करने की अपील की।
कार्यक्रम के दौरान जी-उदयगिरि विधायक ने मंत्री महालिंग से कंधमाल जिले के हर ब्लॉक में विशेष डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग की, क्योंकि इस दूरस्थ क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं की कमी है।
यह अभियान संक्रमित मच्छरों द्वारा फैलने वाली परजीवी बीमारी लिम्फेटिक फाइलेरियासिस (हाथीपांव) को खत्म करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इसके तहत घर-घर जाकर लोगों को एंटी-फाइलेरियल दवा दी जाएगी। यह अभियान भारत की फाइलेरिया उन्मूलन रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल (एनसीवीबीडीसी) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
एमडीए अभियान में 13 राज्यों- आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 111 जिलों को शामिल किया जाएगा। यह अभियान व्यापक रोकथाम रणनीतियों, बढ़ी हुई जागरूकता और एमडीए के साथ व्यापक अनुपालन सुनिश्चित करके लिम्फेटिक फाइलेरिया को जड़ से खत्म करने की सरकार की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत को फाइलेरिया मुक्त बनाना हमारी प्रतिबद्धता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक की भागीदारी और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी की जरूरत है। जिम्मेदारी की साझा भावना के साथ हम करोड़ों लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए लिम्फेटिक फाइलेरिया को खत्म कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में यह अभियान जनभागीदारी की भावना से संचालित होगा, जो एक जन आंदोलन में बदल जाएगा। सक्रिय सामुदायिक भागीदारी और सामूहिक स्वामित्व की भावना के साथ भारत लिम्फेटिक फाइलेरिया को खत्म कर सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि लाखों लोग इस बीमारी से सुरक्षित रहें।
लिम्फेटिक फाइलेरिया लोगों को अक्षम बना देता है और उनके जीवन की गुणवत्ता को खराब करता है। इसे देखते हुए नड्डा ने यह सुनिश्चित करने के लिए पांच-आयामी रणनीति को लागू करने का आह्वान किया कि 2030 के सतत विकास लक्ष्य से बहुत पहले इस बीमारी को जड़ से खत्म कर दिया जाए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि एमडीए अभियान के दौरान कोई भी छूट न जाए। यह अभियान 13 राज्यों के 111 जिलों में साल में दो बार होता है।
उन्होंने बताया कि 10 फरवरी से ये दवाएं इस बीमारी से चिन्हित जिलों में 17.5 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी। यह जरूरी है कि इन क्षेत्रों के निवासी इन दवाओं का सेवन करें और अपने परिवार सहित खुद को इस दुर्बल करने वाली बीमारी से बचाएं।
उन्होंने उच्च कवरेज प्राप्त करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चिन्हित जिलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 90 प्रतिशत से अधिक पात्र लोग फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करें। हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प जीवन को बदलने और लिम्फेटिक फाइलेरिया से मुक्त भविष्य सुनिश्चित करने में मदद करेगा।