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भुवनेश्वर में यातायात जाम की समस्या होगी हल
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महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बना रही है सरकार
भुवनेश्वर। भुवनेश्वर में इनर रिंग रोड व एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए डीपीआर जल्द तैयार होगी। ओडिशा सरकार राजधानी भुवनेश्वर में यातायात जाम की समस्या को हल करने के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बना रही है। उत्तर प्रदेश के शहरी नियोजन मॉडल से प्रेरणा लेते हुए एलिवेटेड रोड कॉरिडोर और इनर रिंग रोड परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इसकी जानकारी कार्य मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रविवार को दी।
जयदेव विहार से नंदनकानन तक प्रस्तावित यह एलिवेटेड कॉरिडोर विशेष रूप से जयदेव विहार के आसपास भारी यातायात को सुगम बनाने में सहायक होगा।
7000 करोड़ रुपये की महत्त्वाकांक्षी परियोजना
करीब 7000 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित इस परियोजना का उद्देश्य भुवनेश्वर और कटक को ‘ए’ ग्रेड शहर के रूप में विकसित करना है। इस योजना के तहत 142 किलोमीटर लंबी रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा, जिससे शहर का विस्तार संभव होगा।
मुख्य जंक्शनों को जोड़ेगी परियोजना
कलिंग हॉस्पिटल स्क्वायर, चंद्रशेखरपुर, पटिया, डमणा और रघुनाथपुर जैसे प्रमुख जंक्शनों को एलिवेटेड कॉरिडोर के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिससे यातायात प्रबंधन में सुधार होगा। तीन-स्तरीय सड़क प्रणाली की भी योजना है, जिसमें ऊपरी हिस्से पर मेट्रो लाइन शामिल होगी।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की मंजूरी
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की स्वीकृति के बाद भुवनेश्वर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (बीएमआरसी) के सहयोग से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। महत्वपूर्ण चौराहों पर स्टोन मैट्रिक्स अस्फाल्ट (एसएमए) तकनीक का उपयोग कर सड़क की सतह को बेहतर बनाया जाएगा।
यातायात विशेषज्ञों की सलाह
हालांकि, शहरी नियोजन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि केवल फ्लाईओवर और एलिवेटेड सड़कें यातायात समस्या का पूर्ण समाधान नहीं होंगी। जयदेव विहार से वैकल्पिक मार्गों की आवश्यकता को देखते हुए समग्र यातायात प्रबंधन रणनीति को अपनाने की सलाह दी गई है।
कार्य मंत्री ने कहा कि एलिवेटेड कॉरिडोर में मौजूदा चार लेन के साथ चार अतिरिक्त लेन होंगी। भुवनेश्वर को ‘ए’ ग्रेड शहर बनाने के लिए जो भी आवश्यक होगा, हम करेंगे।