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ओडिशा के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के भी हैं आधार कार्ड
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इस समस्या का समाधान करने के लिए में जुटा स्थानीय प्रशासन
कोरापुट। कोटिया पंचायत के सीमावर्ती गांवों में रहने वाली महिलाएं सुभद्रा योजना का लाभ पाने में मुश्किलों का सामना कर रही हैं। इसका कारण उनके पास आंध्र प्रदेश और ओडिशा दोनों राज्यों के आधार कार्ड होना बताया जा रहा है।
दोहरी आधार कार्ड होने के कारण इन महिलाओं के सुभद्रा योजना के तहत किए गए आवेदन सत्यापन के दौरान रद्द कर दिए गए हैं। यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई थी।
स्थानीय प्रशासन इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रयासरत है। हालांकि, इन सीमावर्ती गांवों की महिलाओं के लिए पात्रता को लेकर स्थिति अभी भी अनिश्चित बनी हुई है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने इन महिलाओं को सलाह दी है कि वे केवल एक आधार कार्ड रखें ताकि प्रक्रिया सरल हो सके। हालांकि, महिलाएं आशंकित हैं कि आंध्र प्रदेश का आधार कार्ड छोड़ने पर वे वहां की सरकारी योजनाओं से वंचित हो सकती हैं।
कोटिया क्षेत्र की एक महिला ने कहा कि मेरे पास दो आधार कार्ड हैं, लेकिन मुझे अभी तक सुभद्रा योजना के तहत कोई राशि नहीं मिली है।
एक अन्य महिला ने कहा कि हमारे क्षेत्र की कुछ महिलाओं को योजना के तहत पैसा मिला है, लेकिन कुछ को अभी तक कुछ नहीं मिला है। पहले हमें ओडिशा सरकार की कई योजनाओं का लाभ मिला है। हमें उम्मीद है कि सुभद्रा योजना का लाभ भी मिलेगा।
एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कहा कि कुछ महिलाओं को योजना का लाभ इसलिए नहीं मिला, क्योंकि उनके पास आंध्र प्रदेश और ओडिशा दोनों के आधार कार्ड हैं। हम उन्हें केवल ओडिशा का आधार कार्ड रखने के लिए जागरूक कर रहे हैं ताकि योजना का लाभ मिल सके।
2,255 महिलाएं कर रहीं इंतजार
कोटिया पंचायत के तल गंजेइपदर, उपरा गंजेइपदर, बरनापाडु, मदकर, फागुसिनेरी, फातुसिनेरी और डोलियाम्बा गांवों में लगभग 2,255 महिलाएं सुभद्रा योजना के तहत सहायता का इंतजार कर रही हैं। अब तक 1,585 महिलाओं ने आवेदन किया है, जिनमें से केवल 1,100 को पहली किस्त मिली है।
कोटिया के नायब सरपंच सलापू जेमेल ने कहा कि कुछ महिलाएं आशंकित हैं कि आंध्र प्रदेश का आधार कार्ड छोड़ने पर उन्हें वहां की योजनाओं से वंचित होना पड़ सकता है।
कलेक्टर ने दिया विशेष कैंप का आश्वासन
कोरापुट के जिला कलेक्टर वी कीर्ति वासन ने हाल ही में कोटिया का दौरा किया और कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए एक विशेष टास्क फोर्स बनाई जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि कुछ स्थानों पर आधार से जुड़ी समस्याएं सामने आई हैं। इन स्थानों पर कैंप लगाकर समस्याओं का समाधान किया जाएगा। कोटिया क्षेत्र के लगभग 70 से 75 प्रतिशत आवेदन जमा हो चुके हैं। तकनीकी समस्याओं को हल कर सभी लाभार्थियों को सुभद्रा योजना के तहत शामिल किया जाएगा। इन चुनौतियों के बावजूद, समुदाय में योजना के तहत शामिल होने की उम्मीद कायम है।