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धरोहर को सुरक्षित रखते हुए इसका किया जाएगा विकास
भुवनेश्वर। बकुलबन के धरोहर और परंपरा से संबंधित छात्रों को अवगत कराने के लिए इसके मूल ढांचे के अनुसार विकास करते हुए आसपास के क्षेत्र का विकास किया जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया।
गुरुवार देर शाम लोकसेवा भवन में विद्यालय और जनशिक्षा विभाग की ओर से बकुल वन और सत्यवादी बन विद्यालय के पुनर्निर्माण और विकास से संबंधित एक प्रस्तुति कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि गुरु-शिष्य परंपरा का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करने वाले सत्यवादी के बकुल वन को 1909 में पंचसखा द्वारा स्थापित किया गया था। उस समय ओडिशा के कई प्रसिद्ध विद्वान व देशभक्त इस विद्यालय के शिक्षक थे। उस समय यह ओडिशा का एक प्रतिष्ठित विद्यालय के रूप में प्रसिद्ध था। आज भी यह एक ऐतिहासिक शैक्षिक संस्था के रूप में अपनी स्वतंत्रता बनाए हुए है। मुख्यमंत्री ने इस बकुल वन क्षेत्र के विकास पर जोर दिया है। इस विद्यालय के आदर्श और के बारे में वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराने के लिए इसके मूल ढांचे के अनुसार विकास किया जाएगा। इसके माध्यम से राज्य के विभिन्न स्थानों से विद्यालय के छात्र-छात्राएं इस स्थल पर आकर इसकी धरोहर के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, और यह पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही बकुलबन के आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए निर्देश दिया।
इस बैठक में विद्यालय और जनशिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड, सत्यवादी विधायक ओम प्रकाश मिश्र, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव निकुंज बिहारी धल, विद्यालय और जनशिक्षा विभाग के शासन सचिव शालिनी पंडित, पर्यटन विभाग के शासन सचिव बलवंत सिंह और पुरी जिलापाल सिद्धार्थ शंकर स्वाईं समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।