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कहा-ओडिशा के विकास के लिए प्रतिबद्ध है मोदी सरकार
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मोदी सरकार की दूसरी पारी के एक साल पूरे होने पर ओडिशा जनसंवाद रैली को किया संबोधित
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कहा- दो गज की दूरी भाजपा कार्यकर्ताओं को जनता से दूर नहीं रख सकती
भुवनेश्वर. ओडिशा के लिए मोदी सरकार ने पिछले छह सालों में जितना किया है, पूर्व की सरकारों ने गत 70 सालों से उतना नहीं किया था. मोदी सरकार ओडिशा के विकास के लिए पूर्ण रुप से प्रतिबद्ध है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को ‘ओडिशा जनसंवाद’ रैली को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं. उन्होंने इस दौरान मोदी सरकार की दूसरी पारी के एक साल में किये गये कार्यों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया. उन्होंने कहा कि कहा कि भाजपा राजनीति में सिर्फ सत्ता प्राप्त करने के लिए नहीं, बल्कि जनसंवाद के लिए आई है. उन्होंने कहा कि भाजपा जनता की समस्या को जानने की कोशिश करती है. जनता के मुद्दों, समस्याओं को जान समझ कर, उसका समाधान करती है और उसके नतीजे जनता के सामने पेश करती है.
कोरोना वायरस महामारी के कारण उपजे हालात में गृहमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दो गज की दूरी भाजपा कार्यकर्ताओं को जनता से दूर नहीं रख सकती. गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मैं ओडिशा की भूमि और भगवान जगन्नाथ को नमन करता हूं. ओडिशा के लोगों ने हमेशा अपनी स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी. यह संवाद की जो परम्परा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुरु की है, वो दुनिया की राजनीति को रास्ता दिखाने वाली होगी कि ऐसी महामारी के समय भी कोई पार्टी अपने देश में लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए किस तरह से जनसंवाद कर सकती है.
शाह ने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के समय प्रवासी श्रमिक अपने घर जाना चाहते थे, तब उन्हें भेजा नहीं जा सकता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर पार्टी द्वारा कैंप लगाकर लोगों को ठहरने की जगह और खाना मुहैया कराया गया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने 11 करोड़ लोगों को भोजन वितरित किया. शाह ने कहा कि ओड़िया जनता का आशीर्वाद हमारे साथ है. 91 लाख से ज्यादा माताओं, बहनों, भाईयों ने मोदी को अपना आशीर्वाद दिया है. मैं मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर आपके सामने उपस्थित हूं, लेकिन इस एक साल को आप आईसोलेशन में नहीं देख सकते. इसके लिए आपको मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के पांच सालों को भी देखना होगा.