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डंडा लेकर मास्क नहीं पहनने वालों से वसूल रहे थे जुर्माना
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मांगने पर परिचयपत्र भी नहीं दिखाया, गुस्से से भड़के लोग
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जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग
गोविंद राठी, बालेश्वर
शहर में सदर तहसीलदार को डंडा लेकर लोगों से मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना वसूलने उस समय महंगा पड़ गया जब लोगों की मांग वह अपना परिचयपत्र भी नहीं दिखा पाये. धक्का-मुक्की करने के आरोप भी लगे हैं. जिलाधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग करने वाले लोगों ने इस बात का आरोप लगाया है. बताया जाता है कि तहसीलदार को लोग नहीं पहचान पाये थे. इस कारण लोगों ने उनका परिचयपत्र मांगा, लेकिन उनके पास नहीं था. इससे लोगों गुस्सा भर गया.
उल्लेखनीय है कि इन दिनों कोरोना का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए प्रशासन ने कोविद नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए सख्त रूख अख्तियार किया है. पुलिस प्रशासन निरंतर जागरुकता फैला रहा है. आम लोग भी पहले से ज्यादा जागरुक हो गये हैं, लेकिन मास्क आज भी दिनचर्या का हिस्सा नहीं बन पाया है. कुछ लोग बिना मास्क के भी घर से निकल जा रहे हैं. ऐसे लोगों से प्रशासन जुर्माना वसूल रहा है, लेकिन पुलिस थकी-थकी सी दिख रही है. शायद यही कारण है कि बालेश्वर सदर तहसीलदार अब पुलिस एवं प्रशासन दोनों की भूमिका निर्वहन कर रहे हैं.
इस दौरान उन्होंने कथित तौर अधिकारीपन की सारी हदें पार कर दी. लोगों ने बताया कि वे डंडे लेकर मास्क नहीं पहनने वालों से जुर्माना वसूल रहे थे. लोगों ने उनपर धमका कर जुर्माना वसूली करने के साथ गाड़ियों की चाबी छिन लेने के आरोप तक लगाये हैं. बात इतनी ही नहीं है. लोग उनको पहचान भी नहीं पाये कि ये अधिकारी हैं. लोगों ने सफेद पोशाक में रहने वाले तहसीलदार से अपना परिचयपत्र दिखाने के लिए कहा, लेकिन वे दिखा नहीं पाये. हालात धक्का-मुक्की तक पहुंच गयी. लोगों ने आरोप लगाया कि कई दिन ऐसी घटनाएं इनके साथ हुई हैं. गुरुवार को भी दोपहर एक बजे सिनेमा चौक के निकट तहसीलदार एवं उनके विभागीय कर्मचारी रास्ते पर मास्क पहनने को लेकर जांच कर रहे थे. इस दौरान तेज गर्मी में लोग काफी परेशान थे.
इसी बीच कुछ व्यक्तियों के मॉस्क नाक के नीचे पहनने पर तहसीलदार के कर्मचारी उनके साथ दुर्व्यवहार करने लगे. इसके साथ ही डंडे से लोगों को मारने लगे और विभिन्न अपशब्दों का प्रयोग करने के साथ गाड़ी की चाबी निकालने लगे. लोगों से जबरदस्ती जुर्माना वसूलने के कारण वहां स्थिति काफी उत्तेजनापूर्ण हो गई थी. तेज धूप में लोगों से इस तरह जबरन जुर्माना वसूलने से लोगों में काफी रोष देखने को मिला था. शुक्रवार को भी इसी तरह की घटना हुई. स्थिति को नियंत्रण करने के लिए ट्रैफिक थाना के सब-इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार रणसिंह घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को समझा कर स्थिति पर नियंत्रण पाया.
लाकडाउन एवं शटडाउन के बाद जहां एक ओर लोगों की आर्थिक स्थिति काफी दुर्बल हो गई है, उधर मास्क ना पहनने से जुर्माना भरना लोगों पर काफी भारी पड़ रहा है. इस घटना को लेकर यहां के कुछ समाजसेवी जगबंधु पाढ़ी, लोकनाथ सेठी, तापस कुमार साहू, गिरिजा शंकर दास, बादल कुमार कर, संतोष कुमार दास, राजेंद्र कुमार राउत आदि ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर शिकायत करते हुए कार्रवाई करने की मांग की. गिरिजा शंकर दास ने बताया कि जिलाअधीकारी ने भी उन्हें घटना की जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. इस मामले में सदर तहसीलदार से पूछने पर उन्होंने पहले फोन उठाकर व्यस्तता का बहाना बताया और बाद में फोन नहीं उठाया एवं तीसरी बार फोन उठाकर मैं व्यस्त हूं कहकर फोन रख दिया.