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ओडिशा को रेलवे क्षेत्र में 10,599 करोड़ रुपये की सहायता
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जो पूर्ण बजट प्रस्तुत किया है, वह न केवल एक विकसित भारत के बजट को प्रतिबिंबित करता है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक, भविष्यवादी और दूरदर्शी बजट भी है। इस बजट से ओडिशा जैसे राज्यों को सबसे बड़ा लाभ मिलने वाला है। यह जानकारी सोमवार को नई दिल्ली में एक पत्रकार सम्मेलन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने दी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट में ओडिशा को रेलवे क्षेत्र में 10,599 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है, जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त किया। इस रिकॉर्ड-तोड़ रेलवे अनुदान से ओडिशा में रेलवे ढांचे को मजबूत किया जाएगा और यात्रियों की सुविधा में भी वृद्धि होगी।
पत्रकार सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि 2036 में ओडिशा अपनी भाषाई पहचान के साथ स्वतंत्र राज्य की स्थापना के 100 वर्ष पूरे करेगा, जबकि 2047 में भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए, 2025-26 के बजट को एक विकसित ओडिशा और एक विकसित भारत के लिए तैयार किया गया है।
धर्मेन्द्र प्रधान ने यह भी बताया कि इस बजट में विशेष रूप से बच्चों के जन्म से लेकर युवावस्था में उच्चस्तरीय शोध और कौशल वृद्धि तक का ध्यान रखा गया है। डबल इंजन सरकार के सहयोग से ओडिशा जैसे संभावनाओं से भरपूर राज्य की प्रगति होगी।
ग़रीबों, किसानों, महिलाओं, युवाओं, वंचितों, पिछड़े वर्गों और दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए बजट में कई प्रावधान किए गए हैं। गाँवों में रहने वाले लोगों की जीवनशैली में सुधार होगा, शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा और उद्योग, ऊर्जा, पर्यटन और संबंधित आधारभूत क्षेत्रों में गति आएगी। ओडिशा में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि बजट में ओडिशा के लिए “आत्मनिर्भर ओडिशा – मेक इन ओडिशा” कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित दिशा को पूरा करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम के तहत ओडिशा के 36 लाख से अधिक बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण सहायता प्रदान की जाएगी। आने वाले 5 वर्षों में सरकारी विद्यालयों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित की जाएंगी। भारतनेट परियोजना के तहत इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी न होने वाली 3,659 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। इन सभी व्यवस्थाओं से ओडिशा को भारी लाभ होगा।
साथ ही, सरकार भारतीय भाषा पुस्तक योजना के तहत छात्रों को डिजिटल पुस्तकें प्रदान करेगी, जिससे ओड़िया भाषा का प्रचार प्रसार होगा। प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना के तहत आईआईटी और आईआईएससी में आगामी 5 वर्षों में 10,000 फेलोशिप दी जाएंगी। ज्ञान-भारत मिशन के तहत ओडिशा के प्राचीन पांडुलिपियों का संरक्षण किया जाएगा, जिससे राज्य की समृद्ध संस्कृति, साहित्य और इतिहास भविष्य पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहेगा।
प्रधान ने कहा कि बजट में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और एक विकसित कृषि-जिला कार्यक्रम के तहत 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इससे ओडिशा जैसे कृषि-आधारित राज्य को विशेष रूप से लाभ होगा।
कपास उत्पादन मिशन में कलाहांडी, बलांगीर, कंधमाल, कोरापुट, रायगढ़ा, नुआपाड़ा, गंजाम, गजपति, बौद, सोनेपुर और बरगढ़ जैसे जिलों में कपास उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। ओडिशा में 40 लाख किसान क्रेडिट कार्डधारियों के लिए क्रेडिट सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है। इससे ओडिशा के किसान लाभान्वित होंगे।
कम्प्रिहेन्सिव मल्टीस्पेक्ट्रल रूरल प्रॉपर्टी और विजिलेंस कार्यक्रम के तहत सभी वर्गों के किसानों को सक्षम किया जाएगा। नेशनल मिशन फॉर एडिबल एएल सीड और दाल राष्ट्रीय फसल की अधिक उत्पादन के लिए बजट में जो व्यवस्था की गई है, उससे ओडिशा को फायदा मिलेगा। राज्य सरकार के सहयोग से पनीरीबा और फल-चास के लिए एक कम्प्रिहेन्सिव कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस कार्यक्रम से सब्जी और फल की खेती के उत्पादकों को उपयुक्त मूल्य मिल सकेगा।
अधिक मात्रा में उत्पादन होने वाले बीज पर राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा, जिसके तहत किसानों को अधिक पोषक तत्वों वाले उत्पाद और कम रासायनिक पदार्थों का उपयोग करने की दिशा में मदद मिलेगी, और जलवायु उपयुक्त उत्पादों का उत्पादन होगा। ओडिशा, जो एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था राज्य है, इस बजट से विशेष रूप से लाभान्वित होगा।