कृष्ण कुमार मोहंती, बालेश्वर
प्रसिद्ध लेखक और वेषज विशेषज्ञ डॉक्टर चौधरी सत्यव्रत नंद के अपने गोपालगाँव निवास पर एक शांत वातावरण में अपनी २६वीं पुस्तक ‘महाभारत: विज्ञान और मनोविज्ञान’ पुस्तक का विमोचन किया गया. अपने जन्मदिन पर हर साल डॉ नंद पाठकों के लिए उपहार के तौर पर एक नयी पुस्तक रचना के साथ एक भव्य उत्सव का आयोजन भी करते हैं. लेकिन इस बार पारिवारिक माहौल में उनके पुस्तक का अनावरण किया गया, क्योंकि इस वर्ष कोरोना के लिए उत्सव नहीं हुआ.
इस दौरान प्रोफेसर रवि नारायण दाश ने अध्यक्षता की. प्रोफेसर दाश ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जब पश्चिमी राष्ट्र विज्ञान के क्षेत्र में सबसे आगे बढ़ रहे थे, भारतीयों ने इस बात का विरोध किया कि उन्होंने इसे कई साल पहले जानकारी की थी. फकीरमोहन साहित्य परिषद के अध्यक्ष डॉ शिरीष चंद्र जेना मुख्य अतिथि थे और डॉ. लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, अध्यक्ष, उड़िया भाषा विकाश आंदोलन, मुख्य अतिथि थे.
डॉ नंद ने अपनी लेखकीय टिप्पणी में कहा कि महाभारत जैसे पौराणिक ग्रंथ की विभिन्न घटनाएं आधुनिक विज्ञान, मनोविज्ञान, प्रबंधन, गणित और तर्कशास्त्र में भी प्रासंगिक हैं. उन्हें उम्मीद है कि पुस्तक पाठकों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगी, विशेष रूप से जीवन के सभी क्षेत्रों के युवाओं को एक अलग तरीके से आकृष्ट करेगा. टूपुर क्रिएशन्स के प्रकाशक और संस्थापक कवि दीपक बोस ने मंच संचालन किया और पुस्तक के प्रकाशन बारे में भाषण दिया. अंत में प्रोफेसर रश्मिरेखा पति ने धन्यवाद दी. कहानीकार प्रदीप चटर्जी, निबारन जेना, तपन रॉय, सुषोवन दे और स्वाति मुखर्जी प्रमुख रूप से उपस्थित थे.