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मंत्री समूह की बैठक में खरीफ धान की खरीद पर हुई चर्चा
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अब तक लगभग 10,000 करोड़ एमएसपी के रूप में और 3,500 करोड़ रुपये इनपुट सहायता के रूप में किसानों के खाते में हुए जमा
भुवनेश्वर। मंत्री समूह की बैठक में खरीफ मौसम के लिए धान की खरीद का लक्ष्य 65 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 77 लाख मीट्रिक टन करने की मंजूरी दी गई। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,300 रुपये प्रति क्विंटल और अतिरिक्त 800 रुपये प्रति क्विंटल इनपुट सहायता की घोषणा के साथ अधिक किसान इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए इच्छुक हुए हैं। किसानों के लाभ के लिए इस लक्ष्य में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया। यह बैठक उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव की अध्यक्षता में लोक सेवा भवन के तीसरी मंजिल स्थित सम्मेलन कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र, सहकारिता मंत्री प्रदीप बलसामंत, मुख्य सचिव मनोज आहुजा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक की शुरुआत में खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण के प्रमुख सचिव संजय कुमार सिंह ने राज्य में धान की खरीद की स्थिति प्रस्तुत की। अब तक 46 लाख 36 हजार 541 मीट्रिक टन धान 9 लाख 77 हजार 293 किसानों से खरीदी गई है। लगभग 10,000 करोड़ रुपये एमएसपी के रूप में और 3,500 करोड़ रुपये इनपुट सहायता के रूप में किसानों के खातों में जमा किए गए हैं। इस साल किसानों के हितों को प्राथमिकता दी गई है और मंडियों में आवश्यक व्यवस्थाएँ की गई हैं। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, 3883 नोडल अधिकारियों को सीसीटीवी सिस्टम के साथ मंडियों में तैनात किया गया है। इसके अलावा, 217 निगरानी दल गठित किए गए हैं जो बाहर से आने वाले धान के वाहनों पर निगरानी रखेंगे।
धान बिक्री से संबंधित विभिन्न शिकायतों, जैसे टोकन, इनपुट समर्थन और किसानों को एमएसपी की शिकायतों का निवारण राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के कमांड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से त्वरित रूप से किया जा रहा है। अब तक 4 लाख 15 हजार 267 कॉल प्राप्त हुई हैं और टोल फ्री नंबर 1967 के माध्यम से उनका समाधान किया गया है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में इस वर्ष की धान की खरीद प्रक्रिया को सुदृढ़ किया गया है। सिंहदेव ने बताया कि इस साल की धान की खरीद प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सफल रही है, क्योंकि उपमुख्यमंत्री, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी जिलों का दौरा कर इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आगामी रबी मौसम में धान की खरीद के लिए पहले से कदम उठाए जाएं।
बैठक में कृषि और किसान सशक्तिकरण के प्रमुख सचिव, सहकारिता सचिव, कृषि निदेशक, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।